बालोद :बालोद जिले की गणेश समितियों और डीजे संचालकों ने कलेक्टर से इस बार भी गणेश झांकी निकालने देने की अनुमति मांगी है. आपको बता दें कि प्रशासन ने अब तक झांकी निकालने या डीजे बजाने को लेकर किसी तरह का स्पष्ट निर्णय नहीं लिया है. इसी को लेकर बालोद सहित दल्ली राजहरा और अन्य शहरों के समिति संचालक भी कलेक्टोरेट पहुंचे थे.
कलेक्टर ने किया मना :डीजे संचालकों का कहना था कि जिस सनातन को लेकर सरकार यहां पर सत्ता में आई है वह सनातियों के साथ अपमान कर रही है. सनातियों को यहां पर सड़क में खड़ा होना पड़ रहा है.वहीं जब देर शाम कलेक्टोरेट में अफसर पहुंचे तो उन्होंने झांकी के लिए साफ मना कर दिया.
बालोद में विसर्जन झांकी को अनुमति नहीं (ETV Bharat Chhattisgarh)
"माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों के प्रति हम बेहद सजगता से काम कर रहे हैं. उनके निर्णय को स्ट्रिक्टली फॉलो कर रहे हैं. इसलिए इस तरह की अनुमति नहीं दी गई है जो भी गाइड लाइन है उसका हमें ख्याल रखना है"-चंद्रकांत कौशिक, एडीएम बालोद
गणेश पंडाल समिति के संचालकों का आरोप है कि बालोद के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. समिति संचालकों की माने तो राजनांदगांव में अनुमति मिल गई है. भव्य गणेश विसर्जन झांकी निकाली जा चुकी है. रायपुर में भी विसर्जन झांकी निकालने की तैयारी है. आखिर बालोद वाले गणेश पंडाल संचालकों के साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है.
कर्ज लेकर बजा रहे डीजे :वहीं डीजे समिति संचालकों में कमल बजाज राहुल साहू ने बताया कि कई डीजे वाले जो लाखों रुपए का कर्ज लेकर डीजे खरीद कर लाते हैं उन्हें यदि बजाने की अनुमति न दी जाए तो वह अपना रोजी-रोटी कैसे चलाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि गणेश समिति के संचालकों ने डीजे और धूमाल वालों को पहले ही एडवांस दिया जा चुका है. 150000 लाख रुपए पहले से दिया जा चुका है आखिर वह पैसा अब वसूल कैसे होगा.
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