पटना:बिहार में अशुभ महीने यानी खरमास आज खत्म हो गया. इसके साथ बिहार मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना की चर्चा होने लगी है. इसकी संभावना पर इसलिए मुहर लग रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से गठबंधन बदलने की अफवाहों को खारिज करने के बाद प्रदेश में सियासी माहौल अब बिल्कुल अलग है. मकर संक्रांति उत्सव के दौरान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन नेताओं में एकजुटता दिखी अब सब की निगाहें मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी है.
भाजपा के हरी झंडी का है इंतजार: बिहार के राजनेताओं को भी खरमास की समाप्ति का इंतजार रहता है. मकर संक्रांति उत्सव मनाने के साथ ही राजनीतिज्ञ बड़े फैसले लेते हैं ऐसा पहले कई बार देखा गया है. लंबे समय से बिहार के अंदर मंत्रिमंडल विस्तार लटका पड़ा है. आने वाले कुछ दिनों के अंदर मंत्रिमंडल विस्तार किए जाने की तैयारी है. नीतीश कुमार भाजपा के हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं.
बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार (ETV Bharat) दिलीप जायसवाल दे सकते हैं मंत्रिमंडल से इस्तीफा: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल भाजपा के अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं और उनके पास भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री विभाग भी है दिलीप जायसवाल दो-तीन दिनों में औपचारिक रूप से अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे और अध्यक्ष चुने जाने के बाद दिलीप जायसवाल मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देंगे. उनके स्थिति के एक सप्ताह के अंदर मंत्रिमंडल विस्तार को अंतिम रूप दिया जाएगा.
जातिगत समीकरण को साधना मजबूरी: बिहार बीजेपी के खाते में मंत्रिमंडल के चार पद हैं और पार्टी चार नेताओं को मंत्री बन सकती है. भाजपा में इस बात को लेकर मंथन हो रहा है कि किन-किन चेहरे को आगे किया जाए. पार्टी एक ओर जातिगत समीकरण को भी साधना चाहती है तो दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव को देखते हुए अलग-अलग क्षेत्र से प्रतिनिधित्व देना भी जरूरी है.
"आने वाले कुछ दिनों में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे सकते हैं और भाजपा को मंत्रिमंडल में चार और मंत्री पद मिल सकते हैं. कई नेताओं के नाम पर मंथन हो रहा है. पार्टी क्षेत्र और जाति के आधार पर फैसला लेगी."-रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार
सीएम नीतीश कुमार के साथ (ETV Bharat) कतार में है कई पूर्व मंत्री: भाजपा नेता और दीघा विधायक संजीव चौरसिया का नाम प्रमुख दावेदारों की सूची में शामिल है. संजीव चौरसिया अति पिछड़ा समाज से आते हैं और संजीव चौरसिया को संगठन में काम करने का भी अनुभव है. भाजपा के वरिष्ठ नेता नवल किशोर यादव भी दावेदारों की सूची में शामिल हैं. नवल किशोर यादव का लंबा विधायी अनुभव है और वह 25 साल से अधिक समय से विधान पार्षद हैं. मंत्रिमंडल में एक भी यादव जाति के नेता नहीं है ऐसे में नवल किशोर यादव का नाम प्रमुख दावेदारों की सूची में शामिल है.
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा (ETV Bharat) सहरसा और मोतिहारी के पूर्व मंत्री भी दावेदार में शामिल: जीवेश मिश्रा पहले मंत्री रह चुके हैं और संगठन में काम करने का अनुभव भी इन्हें प्राप्त है. जीवेश मिश्रा अगड़ी जाति से हैं और इन्हें भी मंत्रिमंडल में मौका दिया जा सकता है. इसके अलावा सहरसा क्षेत्र से आने वाले पूर्व मंत्री आलोक रंजन झा और मोतिहारी क्षेत्र से आने वाले पूर्व मंत्री प्रमोद कुमार का नाम भी दावेदारों की सूची में शामिल है.
प्रदेश अध्यक्ष के साथ बीजेपी के दिग्गज नेता (ETV Bharat) "कैबिनेट विस्तार मुख्यमंत्री का कार्यक्षेत्र है जब मुख्यमंत्री उचित समझेंगे विस्तार करेंगे. वैसे सरकार मजबूती के साथ चल रही है और एनडीए पूरे तौर पर एकजुट है. मुख्यमंत्री को जब भी समय मिलेगा वह मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे."-प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, भाजपा
बीजेपी के श्रवण कुमार और नीरज कुमार बब्लू (ETV Bharat) बीजेपी के चार और जदयू के दो विधायक हो सकते हैं शामिल:बता दें कि वर्तमान में मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 30 मंत्री हैं. विस्तार में बीजेपी के चार और जदयू के दो विधायकों को शामिल किए जाने की संभावना है. बीजेपी के दो उपमुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा सहित 15 मंत्री हैं. जबकि जदयू के नीतीश सहित 13 मंत्री हैं. जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) को एक पद मिला है, जबकि निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह भी बिहार मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं, जिसमें अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं.
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