पटना:आज पटना में नीतीश कैबिनेट की बैठक हुई है. सूत्रों के अनुसार कैबिनेट की बैठक में तीन एजेंडों पर मुहर लगी है. एक बजट सत्र के दौरान पेश होने वाले बजट और दूसरा सप्लीमेंट्री बजट पर फैसला. तीसरा प्रस्ताव राज्यपाल का संबोधन है. कैबिनेट की बैठक मात्र 15 से 20 मिनट ही चली है. वहीं कैबिनेट ब्रीफिंग नहीं होने के कारण कई तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं. चर्चा यह भी है कि कुछ एजेंडों पर सहमति नहीं बन पाई है.
16 जनवरी को कैबिनेट की पिछली बैठक:वैसे तो हर मंगलवार को बिहार कैबिनेट की बैठक होती है लेकिन कुछ विशेष कारणों से इस बार मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग नहीं हो पाई थी. जिस वजह से आज यानी गुरुवार को ये बैठक हुई है. इससे पहले 16 जनवरी को कैबिनेट की बैठक हुई थी. जिसमें कुल 18 एजेंडा पर मुहर लगी थी. जातीय गणना की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने गरीब परिवारों के लिए बड़ा फैसला भी लिया था. इसके तहत राज्य के विभिन्न वर्गों के गरीब परिवारों के आर्थिक विकास के लिए बिहार लघु उद्यमी योजना की स्वीकृति दी थी. 62 प्रकार के उद्योग चिह्नित किए गए हैं. जातीय गणना में 94 लाख से अधिक गरीब परिवार में से प्रत्येक परिवार को ₹200000 की राशि दी जाएगी. तीन किस्तों में राशि दी जाएगी, इसके लिए ऑनलाइन आवेदन लिया जाएगा.
पिछली बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर:इसके अलावा मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के माध्यम से गुर्दा रोग के अंतर्गत गुर्दा प्रत्यारोपण का सफल इलाज के बाद मरीज को दवा के लिए 6-6 महीने पर दो किस्त की राशि देने का फैसला भी लिया गया. इसके तहत 216000 रुपये कुल राशि दी जाएगी. साथ ही बिहार शताब्दी असंगठित कार्य क्षेत्र कामगार सामाजिक सुरक्षा योजना 2018 में संशोधन भी किया गया. संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों और शिल्पकारों को अब दुर्घटना में मृत्यु होने पर एक लाख की जगह 2 लाख की राशि मिलेगी. इसी तरह कई अन्य फैसले भी लिए गए थे.
20 लाख नौकरी-रोजगार का वादा:महागठबंधन की सरकार ने 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा किया है. इसलिए जब भी कैबिनेट की बैठक होती है तो नौकरी और रोजगार को लेकर नीतीश सरकार क्या फैसला लेगी, उसे पर सब की नजर रहती है. ऐसे में आज की बैठक में भी इस पर नजर रहेगी.