नक्सली कैडर के खिलाफ एनआईए ने दायर किया चार्जशीट, सुरक्षाबलों की हत्या की साजिश का आरोप - Chhattisgarh Naxal News
छत्तीसगढ़ के एक एक नक्सली कैडर के खिलाफ एनआईए ने बुधवार को आरोप पत्र दायर किया. नक्सली कैडर पर छत्तीसगढ़ में पुलिस कर्मियों की हत्या करने और उनके हथियार लूटने के इरादे से सड़क को नुकसान पहुंचाने व बाधित करने की साजिश में शामिल होने का आरोप है.
रायपुर : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों की हत्या की साजिश के संबंध में एक नक्सली कैडर के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया. नक्सली कैडर पर पुलिस कर्मियों की हत्या करने और उनके हथियार लूटने के इरादे से सड़क को नुकसान पहुंचाने व बाधित करने की साजिश में शामिल रहने के आरोप हैं.
विशेष अदालत में दायर किया चार्जशीट : छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष एनआईए ने चार्जशीट दायर किया है. आरोपपत्र के अनुसार, आरोपी लखमा राम उर्फ लखमा कोरम पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से बचाव अधिनियम, 1984, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और छत्तीसगढ़ विशेष सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम, 2005 की संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.आरोपी उन 35 आरोपियों में से एक है, जिनके खिलाफ एनआईए ने इस साल 29 फरवरी को स्थानीय पुलिस से जांच अपने हाथ में लेने के बाद प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के अन्य अज्ञात हथियारबंद कैडरों के साथ मामला दर्ज किया था.
चार्जशीट के खास पहलू : एनआईए के अनुसार, नक्सलियों के एक समूह ने छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अंतर्गत रायनार से मरघट रायनार क्षेत्र में नारायणपुर-ओरछा मुख्य मार्ग को बाधित कर दिया था. ताकि सड़क पार कर रहे एक पुलिस दल की हत्या करने और उनके हथियार लूटने की साजिश को अंजाम दिया जा सके. एनआईए ने कहा कि साजिश का हिस्सा रहे लखमा कोरम ने पहले नक्सलियों के भटबेड़ा जनताना सरकार के अध्यक्ष के रूप में काम किया था.नक्सली लखमा कोरम ने प्रतिबंधित संगठन द्वारा आयोजित बैठकों में सक्रिय रूप से भाग लिया. इसके लिए गैरकानूनी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम भी वह दे चुका है. वह माड़ बचाओ मंच के बैनर तले ओरछा में नादीपारा विरोध प्रदर्शन का नेता भी था. जिसे सीपीआई (माओवादी) ने सरकार विरोधी एजेंडे का प्रचार करने के लिए एक मोर्चे के रूप में गठित किया था.
एनआईए ने आगे कहा, "पूरी साजिश का उद्देश्य राज्य में निर्वाचित सरकार को उखाड़ फेंककर संगठन की स्वयंभू जनताना सरकार की स्थापना करना था. विशेष रूप से, जनताना सरकार को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एक गैरकानूनी संगठन के रूप में प्रतिबंधित किया गया है. एनआईए ने आगे कहा कि नक्सली कैडरों ने अपने एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए पुलिस टीम के हथियार लूटने की योजना बनाई थी.