शिमला:हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विकासात्मक कार्यों के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की मंजूरी देने के बजाय उनके प्रत्यारोपण के लिए पर्याप्त प्रावधान करने के आदेश जारी किए हैं. कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण NHAI के साथ ही हिमाचल सरकार को आदेश दिए कि वो पेड़ों के संरक्षण और प्रत्यारोपण को लेकर दिल्ली सरकार के दिसंबर 2020 को जारी अधिसूचना को अपनाने या ऐसी ही एक नीति बनाने पर विचार कर सकते हैं.
प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला कांगड़ा नेशनल हाईवे के विस्तारीकरण के लिए काटे जा रहे पेड़ों से जुड़े मामले का निपटारा करते हुए यह आदेश जारी किए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कहा, 'इस मामले में चूंकि पेड़ों की अवैध कटाई का कोई मामला नहीं पाया गया है, इसलिए हम प्रतिवादियों को अंधाधुंध कटाई की मंजूरी देने के बजाय पेड़ों के प्रत्यारोपण के लिए पर्याप्त प्रावधान करने का निर्देश देकर इस याचिका का निपटारा करना उचित समझते हैं'
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र ने बताया कि इस मामले में अवैध कटान का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन पेड़ों का प्रत्यारोपण कर पर्यावरण को होने वाले नुकसान को बचाया जा सकता था. इस पर खण्डपीठ ने कहा कि, 'हम एमिकस क्यूरी की इस बात पर पूरी तरह सहमत हैं. अब समय आ गया है कि जहां तक संभव हो पेड़ों को प्रत्यारोपित करके संरक्षित किया जाए.'