सिरमौर: 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी रमन कुमार मीणा के लिए जिला सिरमौर सही मायनों में सिरमौर साबित हुआ. करीब ढाई साल पहले एसपी बनकर जिला सिरमौर में आए मीणा अब डीआईजी बन गए हैं. मीणा अब दिल्ली में सीबीआई में डीआईजी का पदभार संभालेंगे. फिलहाल वो हिमाचल सरकार से रिलीविंग का इंतजार कर रहे हैं.
करियर के लिए तो जिला सिरमौर उनके लिए लक्की रहा ही, उनके परिवारिक जीवन के लिए भी ये जिला उन्हें इस वजह से हमेशा याद रहेगा कि उन्हें एक बेटी के पिता बनने का सौभाग्य भी नाहन में ही मिला. उधर सिरमौर में लॉ एंड आर्डर की बात करें तो इस कार्यकाल में युवा आईपीएस अधिकारी ने नशे के कारोबारियों की कमर तोड़ी है. नशे का काला कारोबार करने वाले लोगों पर शिकंजा कसते हुए न केवल आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया, बल्कि पिछले एक वर्ष में ही इनकी एक करोड़ से अधिक की चल व अचल संपत्ति भी सीज करवाई.
हालांकि, कुछेक मामलों में आईपीएस अधिकारी को चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हर बाधा को पार कर लॉ एंड आर्डर को बरकरार रखते हुए अपनी काबलियत का भी बखूबी परिचय दिया. बातचीत के दौरान डीआईजी रमन कुमार मीणा ने कहा कि, 'मुझे सिरमौर में कार्यकाल के दौरान जिला प्रशासन, पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों सहित जिलावासियों का भरपूर सहयोग मिला. 14 साल की सर्विस में जिला सिरमौर का कार्यकाल हमेशा याद रहेगा. मेरे करियर में ये जिला लक्की रहा है. पुलिस वेलफेयर से जुड़े कुछ काम जरूर शेष रह गए हैं, जो मैं अपने कार्यकाल में ही पूरा करना चाहता था. उम्मीद है कि आने वाले आईपीएस अधिकारी इन कार्यों को जल्द पूरा करेंगे. ये सही है कि सिरमौर से मेरी यादें हमेशा जुड़ी रहेंगी, क्योंकि मेरी बेटी का जन्म नाहन में ही हुआ है, जो मेरे लिए जीवन का सबसे बड़ा तोहफा है.'