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नवजात की अदला बदली से अस्पताल में परिजनों ने किया हंगामा,अधीक्षक ने कही जांच की बात - Newborns exchanged in Jhalawar

झालावाड़ के जिला स्तरीय सरकारी जनाना अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही से दो नवजात आपस में बदल गए. गलती का अहसास होने पर स्टाफ ने अपनी गलती सुधार दी और नवजात को अपने असली मां को सौंप दिया गया, लेकिन इससे परिजन आशंकित हो उठे और उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया.

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 4, 2024, 3:48 PM IST

Updated : Jul 4, 2024, 4:36 PM IST

Newborns exchanged in Jhalawar
नवजात की अदला बदली (photo etv bharat jhalawar)

नवजात की अदला बदली (etv bharat jhalawar)

झालावाड़. जिले के जनाना अस्पताल में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. जनाना अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही से प्रसव के बाद दो नवजात शिशुओं की अदला बदली हो गई. स्टाफ ने जिस प्रसूता को पुत्र हुआ था, उसे पुत्री सौंप दी और जिसके पुत्री हुई थी, उसे लड़का थमा दिया. बाद में 3 घण्टे बाद अस्पताल प्रशासन को अपनी गलती का अहसास हुआ और नवजातों को फिर से उनकी असली मां तक पहुंचा दिया, लेकिन घटना से व्यथित होकर परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया. अस्पताल अधीक्षक रविंद्र मीणा ने अब इस पूरे मामले में जांच कर दोषी स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.

झालावाड़ जिले के पनवाड़ क्षेत्र के मोहनपुर निवासी दीपचंद उसकी पत्नी आरती को प्रसव के लिए जिला जनाना अस्पताल लेकर आया था. उसी दरमियान डेला खेड़ा निवासी अन्नू देवी को भी उसके परिजन प्रसव के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे. दोनों को ऑपरेशन से प्रसव हुआ. आरती ने बेटे को जन्म दिया और अन्नू ने बेटी को, लेकिन बच्चों के पैर की छाप के पास मेल-फीमेल लिखने में स्टाफ ने गलती कर दी. ऐसे में नर्सिंग स्टाफ ने दोनों नवजातों की अदला बदली कर दी. इस बीच दोनों परिवारों के होश तब उड़ गए जब उन्हें पता चला कि उनके हाथ में जो बच्चा है, वह उनका नहीं है. घटना के करीब 3 घंटे बाद नर्सिंग स्टाफ ने क्रॉस चेक किया तो बच्चा बदलने की गलती सामने आई.

पढ़ें: वेंटिलेटर पर है झालावाड़ के जिला अस्पताल का फायर सिस्टम, निरीक्षण में मिली खामियां

अधीक्षक द्वारा जांच करने के बाद दोनों प्रसूताओं के परिजनों को फिर से बुलाया गया और बच्चों को फिर से बदल कर उनके असली परिजनों को सौंप दिया गया. इस घटनाक्रम के बाद फिलहाल दोनों परिवारों के मन में संशय की स्थिति पैदा हो गई. परिवार का मानना है कि उनके हाथ में आया जो बच्चा है वह उनका है या नहीं. अब उन्होंने शिशुओं के डीएनए टेस्ट करने की बात कही है.

मामले को दबाने में जुटा रहा अस्पताल:अस्पताल प्रशासन शुरुआत से ही पूरे मामले को दबाने में ही जुटा रहा. अस्पताल अधीक्षक रविंद्र मीणा ने कहा कि मामले में जांच करवाई जाएगी और दोषी स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, लेकिन फिलहाल गलती पकड़ में आ गई. अब दोनों शिशुओं को उनके सही माता-पिता को सौंप दिया गया है.

Last Updated : Jul 4, 2024, 4:36 PM IST

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