झालावाड़. जिले के जनाना अस्पताल में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. जनाना अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही से प्रसव के बाद दो नवजात शिशुओं की अदला बदली हो गई. स्टाफ ने जिस प्रसूता को पुत्र हुआ था, उसे पुत्री सौंप दी और जिसके पुत्री हुई थी, उसे लड़का थमा दिया. बाद में 3 घण्टे बाद अस्पताल प्रशासन को अपनी गलती का अहसास हुआ और नवजातों को फिर से उनकी असली मां तक पहुंचा दिया, लेकिन घटना से व्यथित होकर परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया. अस्पताल अधीक्षक रविंद्र मीणा ने अब इस पूरे मामले में जांच कर दोषी स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.
झालावाड़ जिले के पनवाड़ क्षेत्र के मोहनपुर निवासी दीपचंद उसकी पत्नी आरती को प्रसव के लिए जिला जनाना अस्पताल लेकर आया था. उसी दरमियान डेला खेड़ा निवासी अन्नू देवी को भी उसके परिजन प्रसव के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे. दोनों को ऑपरेशन से प्रसव हुआ. आरती ने बेटे को जन्म दिया और अन्नू ने बेटी को, लेकिन बच्चों के पैर की छाप के पास मेल-फीमेल लिखने में स्टाफ ने गलती कर दी. ऐसे में नर्सिंग स्टाफ ने दोनों नवजातों की अदला बदली कर दी. इस बीच दोनों परिवारों के होश तब उड़ गए जब उन्हें पता चला कि उनके हाथ में जो बच्चा है, वह उनका नहीं है. घटना के करीब 3 घंटे बाद नर्सिंग स्टाफ ने क्रॉस चेक किया तो बच्चा बदलने की गलती सामने आई.