नई दिल्ली: सन 1866 में पहली बार दिल्ली और कोलकाता को जोड़ने के लिए यमुना नदी पर लोहे का पुल बना था. इस ऐतिहासिक पुल के ऊपर ट्रेन और नीचे वाहन चलते हैं. यह पुल अपनी मियाद पूरी कर चुका है और नया पुल बनाने की योजना 1998 में स्वीकृत हुई थी और इसपर 2003 में काम शुरू हुआ था. रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि जून 2024 तक यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा. इसके बनने से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से समय पर ट्रेनों की आवाजाही सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.
बताया जाता है कि 158 साल पहले अंग्रेजों ने यमुना नदी पर पहला लोहे का पुल महज तीन साल में बनाकर तैयार कर दिया था. लेकिन इस आधुनिक दौर में सरकार को रेलवे का एक पुल बनाने में 26 साल लग गया. अंग्रेजों द्वारा बनवाए गए लोहे के पुल की ऊंचाई कम है. ऐसे में यमुना नदी में बाढ़ आने पर ट्रेनों और वाहनों का आवागमन प्रभावित होता है. रेलवे अधिकारियों की मानें तो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण समेत अन्य कई विभागों से निर्माण के लिए एनओसी लेनी थी. इस कारण करीब पांच साल तक काम लेट हुआ. बाद में निर्माण कार्य में भी कई बदलाव के कारण काम रुक गया.