लखनऊः 1 जुलाई से देश में भारतीय न्याय संहिता (BNS 2023) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS 2023) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA 2023) लागू होने के बाद देश के सभी विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई में इस इस सत्र से शामिल करने की तैयारी शुरू हो गई है. इसको लेकर बार काउंसिल आफ इंडिया ने देश के सभी विश्वविद्यालय को स्पष्ट निर्देश भेजे हैं कि वह नए कानून के साथ ही पुराने कानून की भी पढ़ाई को सिलेबस में शामिल रखें. इससे छात्रों को नए और दोनों कानून की जानकारी बराबर हो जिससे पुराने मुकदमो के सुनवाई करने में नए वकीलों को ज्यादा दिक्कत ना हो. बार काउंसिल ने अपने आदेश में कहा है कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 पढ़ चुके छात्रों को भी अपडेट किया जाए इसके लिए विश्वविद्यालय में अलग से वर्कशॉप और एक्स्ट्रा क्लासेस लगाया जाए.
अब लॉ कोर्स में भी होगा बदलाव. (photo credit: etv bharat) नए सिलेबस में पुराने को भी सम्मिलित करेंबॉर काउंसिल के आदेश के बाद राजधानी लखनऊ में स्थित सभी विश्वविद्यालयों ने अपने यहां पर कानून की पढ़ाई में बदलाव शुरू कर दिया है. लखनऊ विश्वविद्यालय के फैकेल्टी आफ लॉ में नए कानून के साथ ही पुराने कानून को भी सिलेबस में रखा गया है विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि नए कानून को लेकर जो विधायक लोक सभा में पास हुआ था उसको लेकर विभाग को पहले से ही तैयारी करने के निर्देश दिए गए थे. साथी बार काउंसिल ने सिलेबस को जो अपडेट करने के निर्देश दिए हैं उसके अनुसार सिलेबस को अपग्रेड किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सिलेबस तैयार करने से पहले सभी टीचरों को इसको लेकर वर्कशॉप आयोजित कर उन्हें अपडेट किया गया है.बोर्ड आफ स्टडीज में नए प्रस्ताव को पास कर दिया गया है. प्रोफेसर राय ने बताया कि ने सिलेबस में नए कानून के साथ ही पुराने कानून को भी रखा गया है जिससे छात्रों को क्या बदलाव हुए हैं उसे समझने में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि मैं सत्र सही में कानून की पढ़ाई शुरू होगी. वहीं आईपीसी सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट के पुराने छात्रों को विश्वविद्यालय अलग से नए कानून के लिए वर्कशॉप और ट्रेनिंग भी आयोजित करेगा.इसके अलावा भाषा विश्वविद्यालय के वीसी प्रोफेसर एनबी सिंह ने बताया कि शिक्षकों को नए कानून के बारे में ट्रेनिंग कराई जा रही है. कोर्स भी अपडेट किया जा रहा है, जल्द ही बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक में नया सिलेबस पास कराया जाएगा. इस सत्र से नए स्टूडेंट्स को नए कानून पढ़ाई जाएंगे वहीं पुराने कानून पढ़ चुके छात्रों के लिए अलग से एक्सपर्ट के लेक्चर कराए जाएंगे. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को यह स्वायत्तता होती है कि वह नए सिलेबस के साथ पुराने सिलेबस को कैसे समायोजित करें इसलिए लॉ के जो नए विधेयक लाए गए है उसके साथ ही पुराने कानून को भी सिलेबस में रखा जाएगा, ताकि छात्रों को समझने में ज्यादा दिक्कत ना हो. वही डॉ राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अमरपाल सिंह ने बताया कि नए कानून में बदलाव के अनुसार एक्सपर्ट को बुलाकर टीचर्स की ट्रेनिंग की प्रक्रिया पूरी कर दी गई है.22 जून को एकेडमिक काउंसिल से नए कोर्स को भी पास करवा लिया गया है. इस सत्र से छात्र नए कानून को पढ़ेंगे. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में नए और पुराने कानून की तुलना भी पढ़ाई जाएगी जो पुराने स्टूडेंट से उनके लिए भी अलग से वर्कशॉप होगा.