मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर :आपने फिल्मों में देखा होगा कि ग्रामीण इलाकों में क्राइम होने के बाद जब फरियादी थाने में जाता है तो थाने में उसे रिस्पॉन्स नहीं मिलता.वर्दीधारी पैर पर पैर रखे सोए रहते हैं और फरियादी के लाख मिन्नत के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है.लेकिन फिल्म का ये सीन झगराखांड थाना में सच साबित हुआ. यहां पर फरियादी खुद चलकर आधी रात थाने में आया,लेकिन जिन लोगों पर उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी थी वो चैनल गेट पर ताला डालकर सोते रहे.आपको शायद यकीन ना हो लेकिन ये बात पूरी तरह से सच है. आईए बताते हैं कि माजरा क्या है.
कहां का है मामला ?:झगराखांड थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बंजी के मटिआरी औरा में एक युवक ने पड़ोस की रहने वाली लड़की को भगाकर शादी की थी. चार साल बाद जब लड़की को लड़के के परिजनों ने अपनाया तो तय हुआ कि रीति रिवाज से शादी होगी.लेकिन लड़की पक्ष के लोग इससे खुश नहीं थे. इस बात का अंदेशा होने पर लड़के पक्ष के लोगों ने थाने में जानकारी दी कि शादी वाले दिन उनके साथ दिक्कत हो सकती है. जिस पर झगराखांड थाने की ओर से परिवार को स्टाफ का नंबर दिया गया.
शादी वाले दिन बिगड़ी बात : 22 अप्रैल को जब लड़का बारात लेकर गांव में आया तो गांव में बिजली की आंख मिचौली शुरु हुई. इसके बाद जब लड़के के परिजनों ने जांच की तो पता चला कि कोई शख्स ट्रांसफॉर्मर से छेड़छाड़ कर रहा है.रोकने पर शख्स ने विवाद किया.इसी विवाद में लड़की पक्ष के लोग हथियार से लैस होकर आए और लड़के पक्ष पर हमला कर दिया.इस हमले में एक ग्रामीण घायल हो गया.इस घटना की जानकारी देने के लिए थाने में फोन किया गया तो किसी ने रिसीव नहीं किया.
रात एक बजे दूल्हा दुल्हन आए मंडप : जान के खतरे को देखते हुए रात एक बजे दूल्हा दुल्हन परिजन के साथ थाने आए. लेकिन एक से डेढ़ घंटे तक आवाज देने के बाद भी थाने का गेट नहीं खुला.इसके बाद जब जोड़ा सिटी कोतवाली मनेंद्रगढ़ पहुंचा तो पता चला कि दुल्हा दुल्हन को ये कहकर वापस लौटा दिया गया कि मामला झगराखांड थाने का है.