कोटा:नीट यूजी परिणाम के आधार पर मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) की एमबीबीएस एडमिशन के लिए सेंट्रल में 15 फीसदी कोटे के तहत काउंसलिंग चल रही है. इसके तहत पहले राउंड के सीट अलॉटमेंट का परिणाम 23 अगस्त को जारी किया जाएगा. कैंडिडेट दाखिले के लिए कॉलेज तलाश रहे हैं. उनकी नीट यूजी की रैंक से कॉलेज उन्हें मिलेंगे. सरकारी कॉलेज में फीस कम होती है, जबकि प्राइवेट में एमबीबीएस की महंगी पढ़ाई हो रही है.
देश का सबसे सस्ता मेडिकल कॉलेज (ETV Bharat gfx) अधिकांश सरकारी कॉलेज में पूरी एमबीबीएस की फीस 2 से 10 लाख रुपए के बीच है, जबकि कई मेडिकल कॉलेज ऐसे भी है, जहां पर कुछ हजारों में ही पूरी एमबीबीएस की पढ़ाई हो जाती है. ऐसे संस्थानों में एम्स दिल्ली भी शामिल है. यहां पर महज 1628 रुपए में 1 साल की पढ़ाई पूरी हो जाती है. मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के टॉपर्स की पहली पसंद एम्स दिल्ली ही होती है. इसी प्रकार देश में एक और मेडिकल कॉलेज है जो एम्स दिल्ली की तरह ही तुलनात्मक रूप से सस्ता है. यह है जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ़ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जिप्मेर) पांडिचेरी.
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टॉपर्स ने चुने थे जिप्मेर पांडिचेरी और दिल्ली एम्स : एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि साल 2023 में ऑल इंडिया रैंक वन लाने वाले दो कैंडिडेट में से एक ने जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ़ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जिप्मेर) पांडिचेरी का चयन किया था, जबकि दूसरे टॉपर ने एम्स दिल्ली चुना था. हालांकि दिल्ली एम्स की कटऑफ जनरल कैटेगरी में 50 से 60 ऑल इंडिया रैंक (AIR) के बीच जाती है, जबकि जिप्मेर पांडिचेरी की कटऑफ 200 AIR के आसपास चली जाती है.
देश का सबसे सस्ता मेडिकल कॉलेज (ETV Bharat gfx) एजुकेशन एक्सपर्ट शर्मा ने बताते हैं कि जिप्मेर पांडिचेरी में दिल्ली एम्स से भी काम ट्यूशन फीस है, यहां सालाना 1200 रुपए लिए जाते हैं, जबकि दिल्ली एम्स में ट्यूशन फीस 1350 रुपए है, लेकिन ओवरऑल फीस मिलाकर एम्स में जहां पर सालाना फीस महज 1628 रुपए है, वहीं जिप्मेर पांडिचेरी में फीस 14 हजार 920 रुपए है. हालांकि दिल्ली एम्स में जहां पर 7000 हजार रुपए के आसपास में पूरी एमबीबीएस हो सकती है, वहीं जिप्मेर पांडिचेरी में यह 50 हजार रुपए के आसपास फीस होगी.
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फ्रेंच गवर्नमेंट ने की थी स्थापना: देव शर्मा ने बताया कि जिप्मेर पांडिचेरी भारत सरकार की संस्था है. एम्स दिल्ली की तरह इसकी भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान है. इसका परिसर 192 एकड़ में बना हुआ है. इसमें अंडरग्रेजुएट, सब-स्पेशियलिटी से लेकर सुपर स्पेशियलिटी तक की मेडिकल शिक्षा प्रदान की जाती है. संस्थान के इतिहास पर नजर डाली जाए तो इसकी स्थापना 1823 में फ्रेंच गवर्नमेंट ने की थी. वर्तमान समय में संस्थान में 182 एमबीबीएस सीटें उपलब्ध है, जिन पर प्रवेश मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी की मेरिट सूची के आधार पर ही दिया जाता है.