पटनाःबिहार में जब से जातीय सर्वे की रिपोर्ट जारी हुई है तब से राजनीतिक पार्टियां आंकड़ा के हिसाब से वोटर को लुभा रही है. इस आंकड़ा में एक खास वर्ग है जो विधानसभा और लोकसभा चुनाव में खेल बिगाड़ने और बनाने का काम करता है. हम बात कर रहे हैं पचफोरना वोटर की जिसकी आबादी बिहार में 36 प्रतिशत है. इस वर्ग में करीब 116 जाति और उपजाति शामिल है जिनका अनेक लोकसभा क्षेत्र में अच्छा प्रभाव है.
पचफोरना पर पीएम मोदी की नजरः PM का EBC वोटरों को साधने के प्रयासः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 मई को दरभंगा के राज मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी का चुनावी जनसभा भले ही दरभंगा में है लेकिन उनकी नजर मिथिलांचल और कोसी के पचफोरना वोटरों पर होगी. जिनका दरभंगा और उसके आसपास के 7 लोकसभा क्षेत्र में व्यापक प्रभाव है.
ईबीसी की आबादी 36%: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दरभंगा, मधुबनी, झंझारपुर, उजियारपुर, सीतामढ़ी, सुपौल और मधेपुरा के पचफोरना वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे. बिहार के साथ लोकसभा क्षेत्र में अतिपिछड़ों (EBC) की आबादी करीब 36 % है. इनमें कपरिया, कानू, नुनिया, मल्लाह, धानुक, खंगर, खटिक, हलवाई, कुम्हार, माली, कोरकू, केवर्त, खटवा, नई, खेलटा, गोड़ी, गंगई, गंगोता, गंधर्व, गुलगुलिया, चांय, चपोता, चन्द्रवंशी, टिकुलहार, तेली (हिंदू व मुस्लिम) और दांगी शामिल हैं.
पचफोरना क्यों कहा जाता है?मिथिलांचल और कोसी में EBC वोटरों को बोलचाल की भाषा में पचपनिया या पचफोरना कहा जाता है. इसके पीछे का तर्क है कि सब्जी में मसाले के रूप में (5 विशेष प्रकार का मसाला जिसे पचफोरना कहते हैं) देने से सब्जी का स्वाद बढ़ जाता है. उसी तरह से मिथिलांचल और कोसी के इलाके में पचफोरना वोटर्स से जीत पक्की हो जाती है.
चुपचाप वोट करते हैं पचफोरना वोटर्सः इन वोटरों के बारे में कहा जाता है कि इन जाति के वोटर खुलकर बयानबाजी नहीं करते हैं. बल्कि ये लोग पहले ही तय कर लेते हैं कि किसके पक्ष में मतदान करना है. अंत में खेल बिगाड़ने और बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. कुल मिलाकर देखें तो सभी राजनीतिक पार्टी की इसपर नजर रहती है. MY की राजनीति करने वाले लालू प्रसाद यादव भी पचफोरना वोटर्स के सहारे चुनाव जीत चुके हैं.
नीतीश कुमार की अच्छी पकड़ः मिथिलांचल व कोसी के इलाके में EBC वोटरों की संख्या अच्छी खासी है. इस वोट बैंक पर नीतीश कुमार की अच्छी पकड़ है. बिहार के साथ लोकसभा क्षेत्र दरभंगा, मधुबनी, झंझारपुर, सीतामढ़ी, उजियारपुर, सुपौल और मधेपुरा में यह निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इन सात लोकसभा क्षेत्र में मधुबनी दरभंगा और उजियारपुर सीट पर बीजेपी का कब्जा है. झंझारपुर सीतामढ़ी सुपौल और मधेपुरा सीट पर जदयू का कब्जा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में इन सातों सीटों पर एनडीए का कब्जा था.
2019 के चुनाव में जीत में अहम भूमिकाः 2019 लोकसभा चुनाव में इन सात सीटों पर एनडीए ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. इन सभी सीटों पर एनडीए की प्रत्याशी में बेहतर मार्जिन से जीत हासिल की थी. एनडीए के इस जीत में इन EBC वोटरों का अहम योगदान था. मधुबनी में डॉ अशोक कुमार यादव(BJP) ने 454940 वोट से जीत हासिल की थी. दरभंगा से बीजेपी के गोपालजी ठाकुर ने 267969 वोट से जीत हासिल की थी.