नई दिल्ली:कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महामंत्री और दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने हाल ही में देशभर में बड़े पैमाने पर हो रहे उत्सवों के आर्थिक प्रभाव पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि विभिन्न उत्सवों के दौरान पंडालों से लेकर मूर्तियों के निर्माण, सजावट, भोजन, कपड़े, बिजली व्यवस्था, पूजा सामग्री, फलों-फूलों और अन्य सेवाओं से जुड़े व्यवसायों को अभूतपूर्व अवसर प्राप्त हुए हैं.
उत्सवों का व्यापार वृद्धि में योगदान:CAIT के अनुमानों के अनुसार, पिछले दस दिनों में केवल दिल्ली में नहीं, बल्कि पूरे देश में उत्सवों ने लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये का व्यापार उत्पन्न किया है. यह व्यापार निश्चित रूप से देश की स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है, जो कि मौजूदा समय में अर्थव्यवस्था की स्थिरता और विकास की ओर बढ़ने में सहायक साबित हो रहा है.
कारीगरों की भूमिका:दुर्गा पूजा, नवरात्रि और रामलीला के आयोजन में बड़ी संख्या में स्थानीय कारीगरों की सहभागिता ने इस बार के उत्सवों को और भी भव्यता प्रदान की. पंडाल निर्माण, बिजली व्यवस्था, सजावट और अन्य सहायक सेवाओं में इन कारीगरों को रोजगार मिला है. विशेष रूप से मूर्ति निर्माण में लगे कलाकारों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है. उनके हुनर ने इन आयोजनों को एक विशेष पहचान दी है.
उपभोक्ता गतिविधियों में वृद्धि:त्योहारी सीजन में बाजारों में उपभोक्ता गतिविधियों में तेजी दिखाई दी है. कपड़े, आभूषण, सजावटी वस्तुएं, पूजा सामग्री, इलेक्ट्रिकल सामग्री, साउंड और लाइटिंग, तथा खाद्य वस्तुओं से संबंधित कारोबारों में भारी मुनाफा देखा गया है. इस दौरान पारंपरिक वस्त्रों और आभूषणों की खरीदारी में विशेष रूप से वृद्धि हुई है.