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नवरात्र पर करिए छत्तीसगढ़ के माता मंदिरों के दर्शन - DEVI MANDIR IN CHHATTISGARH - DEVI MANDIR IN CHHATTISGARH

छत्तीसगढ़ के इन माता मंदिरों में दर्शन मात्र से पूरी हो जाती है हर मनोकामना.

Visit Mata Mandirs during this Navratri
माता मदिरों के दर्शन (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 4, 2024, 7:50 PM IST

Updated : Oct 4, 2024, 10:29 PM IST

रायपुर: नवरात्र का पर्व हिंदुओं के लिए सबसे पावन त्योहारों में से एक है. नवरात्र के दिनों में माता के भक्त मां का आराधना और पूजा अर्चना में पूरे नौ दिन गुजारते हैं. नवरात्र के मौके पर आपको छत्तीसगढ़ के फेमस माता मंदिरों के दर्शन कराने वाले हैं. जिन मंदिरों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं उनके दर्शन मात्र से जिंदगी की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं. इन मंदिरों में मत्था टेकने से ही कष्टों का निवारण हो जाता है.

मां बम्लेश्वरी देवी का मंदिर:राजनांदगांव के डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी देवी का मंदिर है. पहाड़ी की चोटी पर बना ये मंदिर ऐतिहासिक है. मान्यता है कि इस मंदिर में आने वाले भक्त की मनोकामना मां पूरी करती हैं. रामनवमी और दशहरे के मौके पर यहां मेले जैसा माहौल रहता है. नवरात्रि पर पूरे नौ दिन मंदिर ज्योति कलश जलाए जाते हैं. नवरात्र पर मां बम्लेश्वरी के भक्त विदेशों से भी मन्नत पूरी होने पर दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

माता मदिरों के दर्शन (ETV Bharat)

मां दंतेश्वरी मंदिर:दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी माता का मंदिर है. देश के 52 शक्ति पीठों में से एक है. मंदिर के बारे में इतिहासकारों का कहना है कि इसका निर्माण चालुक्य वंश के राजाओं ने कराया था. पहाड़ की चोटी पर बना ये मंदिर हिंदू आस्था का बड़ा केंद्र है. मान्यता है कि जो भी भक्त यहां मनोकामना दीपक नवरात्र में जलाता है उसकी मनोकामना मां खुद पूरा करती हैं. मां दंतेश्वरी बस्तर राज्य की कुल देवी भी हैं. मंदिर को लेकर कई पौराणिक कहानियां भी प्रचलति हैं. कहा जाता है कि सतयुग के दौरान देवी सती का दांत यहां पर गिरा था. उसी जगह पर ये मंदिर बनाया गया है.

महामाया मंदिर: बिलासपुर में महामाया मंदिर है. बिलासपुर और अंबिकापुर नेशनल हाइवे पर ये मंदिर स्थित है. मंदिर की वास्तुकाल इतनी अदभुत है कि जो भी यहां एक बार आता है दूसरी बार आने की इच्छा मन में लेकर लौटता है. बिलासपुर के रतनपुर में ये मंदिर बना है. महामाया मंदिर की गिनती भी 52 शक्तिपीठों में की जाती है. महामाया मंदिर को लेकर भक्तों के बीच मान्यता है कि यहां मांगी गई मुराद जरुर पूरी होती है.

चंद्रहासिनी देवी मंदिर: जांजगीर चांपा में महानदी के किनारे मां चंद्रहासिनी देवी का मंदिर है. नवरात्र के मौके पर मां चंद्रहासिनी देवी के मंदिरों में लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं. नवरात्रि के नौ दिनों में यहां मेले जैसा माहौल रहता है. भक्तों का कहना है कि मां चंद्रहासिनी देवी से जो भी भक्त सच्चे मन से मनोकामना करता है उसकी इच्छा पूरी होती है.

बंजारी माता मंदिर: कला की नगरी राजगढ़ में बंजारी माता का मंदिर है. बंजारी माता का मंदिर पर्यटकों और भक्तों के लिए खास है. मंदिर को लेकर मान्यता है कि जो भी भक्त यहां सच्चे मन से मां से मन्नत मांगता है उसकी इच्छा पूरी होती है. नवरात्रि के मौके पर बंजारी माता के मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. आस पास के जिलों में भक्त यहां पूजा अर्चना के लिए आते हैं.

जतमई घटारानी मंदिर:रायपुर से 85 किलोमीटर की दूरी पर जतमई घटारानी का ऐतिहासिक मंदिर है. जतमई और घटारानी दो अलग अलग जगह हैं. मंदिर के पास में जतमई झरना है. इस वजह से इसे जतमई घटारानी भी कहते हैं. इस मंदिर की खासियत है कि ये सालों भर खुला रहता है. मंदिर के पास का इलाका मन मोह लेने वाला है.

शिवानी मां का मंदिर: कांकेर में शिवानी मा मंदिर है. मंदिर को छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक मंदिरों में गिना जाता है. यहां की प्रतिमा देवी दुर्गा और काली माता को समर्पित है. मूर्ति का आधा भाग देवी काली और आधा भाग देवी दुर्गा को समर्पित माना गया है. मान्यता है कि विधि विधान से मां की पूजा करने वाले को मां आशीर्वाद देती है.

पाताल भैरवी मंदिर:राजनांदगांव में पाताल भैरवी माता का मंदिर है. पाताल भैरवी मंदिर की छत पर एक विशालकाय शिवलिंग स्थापित है जो कई किमी दूर से ही भक्तों को नजर आता है. शिवलिंग के सामने विशाल आकार में नंदी महाराज भी विराजित हैं. मंदिर तीन हिस्सों में है. मंदिर के शीर्ष पर भगवान शिव हैं तो नीचे त्रिपुर सुंदरी के रुप में मां दुर्गा विराजमान हैं. मंदिर के निचले हिस्से में पाताल भैरवी माता का मंदिर है.

गंगा मैया मंदिर: भिलाई के झलमला में प्रसिद्ध गंगा मैया मंदिर है. गंगा मैया मंदिर में सालों भर भक्तों का आना जाना रहता है. नवरात्र के मौके पर गंगा मैया मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ दर्शन के लिए पहुंचती है. मंदिर को लेकर भक्तों के बीच भारी आस्था है. आस पास के जिलों के अलावा देश भर से भक्त यहां दर्शनों के लिए आते हैं. ऐसी मान्यता है कि मंदिर का निर्माण एक स्थानीय मछुआरे ने किया था.

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Last Updated : Oct 4, 2024, 10:29 PM IST

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