नई दिल्ली: चिकित्सा के क्षेत्र में नर्सेज की भूमिका से कोई भी इनकार नहीं कर सकता. वे न केवल मरीजों की देखभाल करती हैं, बल्कि संकट के समय में उनकी जिम्मेदारियों में कई गुना बढ़ोतरी हो जाती है. हर साल अक्टूबर के दूसरे बुधवार को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय आपातकालीन नर्स दिवस, नर्सों की इस कठिन और चुनौतीपूर्ण भूमिका को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है. आज 9 अक्टूबर को राष्ट्रीय आपातकालीन नर्स दिवस मनाया जा रहा है.
नर्सों की चुनौतियां:जब कोई मरीज आपातकालीन स्थिति में अस्पताल में आता है, तो नर्सों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है. सोमदत्त मेडिकल सेंटर में काम कर रही नर्स आंचल बेंस ने बताया कि आपातकालीन विभाग में नर्सों को बीमार, घायल और जिनके जीवन के लिए खतरा हो सकता है, उन मरीजों की देखभाल करनी होती है. यह अत्यंत संवेदनशील और दिमागी रूप से चुनौतीपूर्ण कार्य है. नर्सों को न केवल मरीजों की शारीरिक जरूरतों का ध्यान रखना होता है, बल्कि उन्हें भावनात्मक समर्थन भी प्रदान करना पड़ता है.
नर्सों का समर्पण:एम्स में कार्यरत सीनियर नर्सिंग ऑफिसर सोनिया चौहान का कहना है, "नर्सों का समर्पण अत्यधिक महत्वपूर्ण है. जब एक मरीज अस्पताल में भर्ती होता है, तो वे डॉक्टरों के साथ-साथ नर्सों पर भी निर्भर होते हैं. नर्सों का कार्य केवल दवाओं को देना नहीं होता, बल्कि यह सुनिश्चित करना होता है कि मरीज को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो. सोनिया ने बताया कि नर्स की संवेदनशीलता और देखभाल का ही यह नतीजा होता है कि मरीज जल्दी ठीक होकर घर जा पाते हैं."