कोटा. काउंसलिंग ऑफ आर्किटेक्चर ने नेशनल एप्टीट्यूड टेस्ट इन आर्किटेक्चर (नाटा) की पात्रता में बदलाव किया है. पहले 5 वर्षीय बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर के कोर्स में प्रवेश के लिए फिजिक्स, मैथमेटिक्स और केमिस्ट्री विषयों के साथ सभी विषयों में 10+2 की परीक्षा में 50 फीसदी अंक जरूरी थे, लेकिन अब नाटा ने इसमें बदलाव किया है. जिसमें केवल फिजिक्स और मैथमेटिक्स को ही 10 + 2 परीक्षा में अनिवार्य माना गया है. इसके साथ अब कंप्यूटर साइंस, बायोलॉजी, केमिस्ट्री, टेक्निकल वोकेशनल सब्जेक्ट, इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, इनफॉर्मेटिक प्रैक्टिस, इंजीनियरिंग ग्राफिक और बिजनेस स्टडीज से भी पास आउट होने वाले कैंडिडेट को प्रवेश दिया जाएगा.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि काउंसलिंग ऑफ आर्किटेक्चर के रजिस्ट्रार आर के ओबेरॉय ने आज जारी की गई सार्वजनिक सूचना के अनुसार केंद्र सरकार के अनुमोदन के बाद ही नाटा के जरिए आर्किटेक्चर कोर्स में प्रवेश की पात्रता में संशोधन किया गया है. जारी किए गए सार्वजनिक नोटिस के अनुसार सभी कैंडिडेट्स, पेरेंट्स, आर्किटेक्चर इंस्टीट्यूट के अलावा सभी अधिकारियों को एडवाइस दी गई है कि वह 5 साल के बैचलर ऑफ आर्किटेक्ट डिग्री कोर्स में एडमिशन के लिए इन सभी पात्रता की पालना करें. इसके साथ ही NATA की वेबसाइट www.nata.in पर भी निगाह रखने के लिए निर्देश दिए हैं.