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नर्मदापुरम में सिस्टम की लापरवाही से किसान परेशान, आत्महत्या करने की दी धमकी

Farmers Threat To Commit Suicide: नर्मदापुरम में एक किसान सिस्टम की लापरवाही के चलते किसान परेशान है और आत्महत्या करने की बात कह रहा है.

Farmers threat to commit suicide
नर्मदापुरम में सिस्टम की लापरवाही से किसान परेशान

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 25, 2024, 6:28 PM IST

नर्मदापुरम। सरकार जहां मोटे अनाज को लेकर बढ़ावा दे रही है. साथ ही लोगों को मोटे अनाज की बुआई करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर हैं, लेकिन सिस्टम के आगे इस समय किसान बेबस नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं लोग भी मोटे अनाज ज्वार, बाजारा, कोदो, कुटको के दीवाने हैं, लेकिन इसी मोटे अनाज ज्वार का उत्पादन करने वाले एक किसान को सिस्टम के चलते समिति द्वारा पहले सभी मापदंडों के तहत खरीद लिया. बाद में उसी किसान को भुगतान के लिए बिल भी जारी कर दिए. करीब एक माह बाद उपज उठाने के निर्देश किसान को जारी किए हैं, नहीं तो किसान की उपज नीलाम करने के निर्देश जारी किए है. अब किसान अपनी मदद की गुहार लगा रहा है की उसकी उपज का पैसा उसे मिल सके.

आत्महत्या करने की बात कह रहा किसान

दरअसल, नर्मदापुरम जिले के एक किसान संजय मीणा और उसके परिवार की जान इस समय आफत में है. इसकी वजह 3 लाख 57 हजार 750 रुपए के 112.50 क्विंटल ज्वार है. जिसे अधिकारियों ने पहले अच्छी गुणवत्ता का बताकर खरीद लिया और अब खराब बताकर भुगतान रोक लिया. कह रहे हैं केंद्र से ज्वार लेकर चले जाओ नहीं तो नीलाम कर देंगे. किसान का कहना है कि उसने तो अच्छी ज्वार दी थी. अब खराब बताकर भुगतान रोककर एक महीने से परेशान कर रहे हैं. किसान ने जिला कलेक्टर जनसुनवाई, सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को भी शिकायत की. उसके बाद भी भुगतान नहीं हुआ. किसान 1 महीने से सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है, लेकिन किसान की सुनवाई नहीं होने से अब परेशान किसान आत्महत्या करने की बात कह रहा है.

पहले ज्वार खरीदी, अब वापस कर रहे

माखननगर के किसान संजय मीणा ने पत्नी साक्षी मीणा और बहन संध्या मीणा के नाम से जमीन ली. उस पर खेती कर रहे हैं. इसी जमीन पर 112.50 क्विंटल ज्वार पैदा की. जिसे 13 दिसंबर 2023 को बानापुरा केंद्र पर बेची. जो समर्थन मूल्य 3180 के हिसाब से 3 लाख 57 हजार 750 रुपए की हुई. विपणन सहकारी संस्था बानापुरा के समिति ने किसान को बेची उपज का बिल दिया. ज्वार पोर्टल पर भी चढ़ाई गई थी. 27 दिन बाद समिति वालों का नोटिस आया कि नागरिक आपूर्ति निगम वाले ज्वार को खराब बता रहे हैं. वापस लेकर चले जाओ भुगतान नहीं होगा.

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जांच के बाद भी ज्वार को बता रहे खराब

वहीं किसान संजय मीणा का कहना है कि खरीदी से पहले अनाज की गुणवत्ता की जांच प्रक्रिया पूरी तरह से की गई. सबसे पहले ज्वार का सैंपल लेकर गए थे. जो पास हुई. उसके बाद माखननगर से 70 किमी दूर ज्वार लेकर गए. फिर उसकी जांच की गई, जो पास हुई. उसके बाद समिति के अधिकारियों ने तुलाई के निर्देश दिए. तुलाई के बाद बेची उपज का बिल भी जनरेट हो गया और अब उसके 27 दिन बाद नोटिस देकर बोल रहे हैं. आपकी ज्वार खराब है वापस ले जाओ नहीं तो नीलाम कर देंगे.

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