नर्मदापुरम। सरकार जहां मोटे अनाज को लेकर बढ़ावा दे रही है. साथ ही लोगों को मोटे अनाज की बुआई करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर हैं, लेकिन सिस्टम के आगे इस समय किसान बेबस नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं लोग भी मोटे अनाज ज्वार, बाजारा, कोदो, कुटको के दीवाने हैं, लेकिन इसी मोटे अनाज ज्वार का उत्पादन करने वाले एक किसान को सिस्टम के चलते समिति द्वारा पहले सभी मापदंडों के तहत खरीद लिया. बाद में उसी किसान को भुगतान के लिए बिल भी जारी कर दिए. करीब एक माह बाद उपज उठाने के निर्देश किसान को जारी किए हैं, नहीं तो किसान की उपज नीलाम करने के निर्देश जारी किए है. अब किसान अपनी मदद की गुहार लगा रहा है की उसकी उपज का पैसा उसे मिल सके.
आत्महत्या करने की बात कह रहा किसान
दरअसल, नर्मदापुरम जिले के एक किसान संजय मीणा और उसके परिवार की जान इस समय आफत में है. इसकी वजह 3 लाख 57 हजार 750 रुपए के 112.50 क्विंटल ज्वार है. जिसे अधिकारियों ने पहले अच्छी गुणवत्ता का बताकर खरीद लिया और अब खराब बताकर भुगतान रोक लिया. कह रहे हैं केंद्र से ज्वार लेकर चले जाओ नहीं तो नीलाम कर देंगे. किसान का कहना है कि उसने तो अच्छी ज्वार दी थी. अब खराब बताकर भुगतान रोककर एक महीने से परेशान कर रहे हैं. किसान ने जिला कलेक्टर जनसुनवाई, सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को भी शिकायत की. उसके बाद भी भुगतान नहीं हुआ. किसान 1 महीने से सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है, लेकिन किसान की सुनवाई नहीं होने से अब परेशान किसान आत्महत्या करने की बात कह रहा है.
पहले ज्वार खरीदी, अब वापस कर रहे