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नारद जयंती 2024: सृष्टि के पहले पत्रकार थे देवर्षि नारद, नारायण के थे परम भक्त - Narad Jayanti 2024

सृष्टि के पहले पत्रकार देवर्षि नारद नारायण के परम भक्त थे. आज नारद जयंती है. आइए जानते हैं देवर्षि नारद से जुड़ी खास बातें.

Narad Jayanti 2024
सृष्टि के पहले पत्रकार थे देवर्षि नारद (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 24, 2024, 3:54 AM IST

नारद जयंती 2024 (ETV BHARAT)

रायपुर:आज ब्रह्म ऋषि भगवान नारद जी की जयंती है. शास्त्रों के अनुसार नारद जी ने कठोर तपस्या के बाद स्वर्ग लोक में ब्रह्म ऋषि का पद प्राप्त किया था. इसके साथ ही नारद मुनि को तीनों लोकों में भ्रमण करने का वरदान भी प्राप्त था. नारद ब्रह्माजी के मानस पुत्र और ब्रह्मांड का संदेश वाहक थे. यही कारण है कि दुनिया के पहले पत्रकार के रूप में नारद मुनि को जाना जाता है. हर साल ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नारद जयंती मनाई जाती है. मान्यता है कि आज ही के दिन नारद मुनि का जन्म हुआ था.

भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहते थे नारद: शास्त्रों के अनुसार नारद जी ने कठोर तपस्या के बाद स्वर्ग लोक में ब्रह्म ऋषि का पद प्राप्त किया था. भगवान नारद मुनि सदैव विष्णु भक्ति में लीन रहते थे. नारद जयंती पर भगवान नारद की पूजा करने से ज्ञान और सुख- शांति की प्राप्ति होती है. नारद जयंती के बारे में रायपुर के महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला कहते हैं कि "देवर्षि नारद जी का प्राकट्य ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को हुआ था. इसलिए इस दिन को नारद जयंती के रूप में मनाई जाती है. शास्त्रों में यह बताया गया है कि नारद जी पहले एक दासी पुत्र हुआ करते थे. संत और महात्माओं के साथ रहते हुए, उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ. भगवान का कीर्तन करते रहे और समय बीतने के साथ ही महाप्रलय के दौरान नारद जी भगवान नारायण का कीर्तन और भजन करते हुए इस संसार से विलीन हो गए. उसके बाद नारद जी का जब दूसरा जन्म हुआ तो नारद जी ब्रह्मा जी के मानस पुत्र के रूप में पहचान मिली. जिसे वर्तमान युग में लोग ब्रह्म ऋषि नारद के नाम से लोग जानते हैं."

भगवान नारायण ने अपनी वीणा ब्रह्म ऋषि नारद जी को प्रदान कर दी. इसी वीणा को लेकर ब्रह्म ऋषि नारद जी तीनों लोकों के अलावा पूरे ब्रह्मांड पर भ्रमण करते रहे. ब्रह्म ऋषि नारद ही एक ऐसे भगवान हैं, जो सभी लोकों पर अपने मन और गति के अनुसार बिना किसी रोक-टोक के भ्रमण करते हैं.-पंडित मनोज शुक्ला, पुजारी, रायपुर महामाया मंदिर

इस शुभ मुहूर्त में करें दान: पंडित मनोज शुक्ला की मानें तो नारदजी की जयंती के मौके पर दान का विशेष महत्व है. पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 23 मई गुरुवार की शाम को 7:22 पर होगी और अगले दिन 24 मई शुक्रवार की शाम 7:24 पर समाप्त होगी. इस समय दान पुण्य करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इसलिए आज के दिन दान जरूर करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि आज के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने और दान दक्षिणा देने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

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