नालंदा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा में उनकी ही पुलिस, शराबबंदी कानून को ठेंगा दिखा रही है. मामला पावापुरी सहायक थाने का है, जहां शराबियों का हिमायती बन रहे दारोगा ने थाने में पुलिस वालों के साथ मारपीटकी. उसके बाद पावापुरी थाने में पदस्थापित दारोगा हरे कृष्ण सिंह को उनके ही थाने की पुलिस ने अरेस्ट कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
शराबी को छुड़ाने के लिए दारोगा ने की मारपीट: दरअसल शराब के नशे में पकड़े गए तीन शराबियों को छुड़ाने के लिए हरे कृष्ण सिंह ने अपने ही सहयोगियों पर दवाब बनाने की कोशिश की. जब सहयोगी नहीं माने तो उनके साथ मारपीट की. थाने में पुलिस ने सरकारी काम में बाधा डालने का मुकदमा SC/ST थाने में दर्ज कराया.
जहां थी पोस्टिंग, वहीं हुई गिरफ्तारी:शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की तो आरोप सही पाया है. उसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी दारोगा हरे कृष्ण सिंह को तीनों शराबियों के साथ जेल भेज दिया गया है.
क्या है पूरा मामला?:दरअसल पावापुरी सहायक थाना में कार्यरत दारोगा कारू रविदास सोमवार को सैनिक स्कूल में मार्ग पर गश्ती कर रहे थे. तभी बाइक सवार तीन व्यक्ति श्रवण रविदास, रंजीत महतो और रजेश कुमार जो नानंद गांव निवासी हैं, नशे में धुत होकर गुजर रहे थे. गश्ती पुलिस तीनों को पकड़ कर थाने लाई और इन्हीं तीनों की गिरफ्तारी से मामला शुरू हुआ.
साथी के साथ गाली गलौज और मारपीट का आरोप:इनमें श्रवण रविदास विम्स पावापुरी अस्पताल के कैंटीन में काम करता है. उसकी पावापुरी सहायक थाना में पदस्थापित दारोगा हरे कृष्ण सिंह से दोस्ती थी. उसी के लिए दारोगा हरे कृष्ण सिंह, खाकी पर तीनों को छोड़ने का दवाब बना रहे थे. जब दारोगा कारू रविदास ने छोड़ने से इंकार किया तो उसके साथ गाली गलौज करते हुए मारपीट की. इसी को लेकर पीड़ित दारोगा कारू सिंह ने SC/ST थाने में शिकायत दर्ज कराया था.