उत्तरकाशी: नगर पालिका बाड़ाहाट में आज तक प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी कभी अध्यक्ष पद पर जीत हासिल नहीं कर पाई है. कांग्रेस हो या भाजपा जब भी इन दोनों राष्ट्रीय दल की सरकार प्रदेश में रही तो यह कभी अपने प्रत्याशी को जिताने में कामयाब नहीं हो पाए. इसलिए इस नगर निकाय चुनाव में दोनों राष्ट्रीय दलों के लिए यह एक बड़ी चुनौती होगी.
उत्तरकाशी बाड़ाहाट नगर पालिका अध्यक्ष पद से जुड़ा है ये मिथक, 67 साल से चला आ रहा ये रिकॉर्ड - UTTARAKHAND NIKAY CHUNAV 2025
उत्तरकाशी में नगर पालिका बाड़ाहाट में एक मिथक आज तक बना हुआ है. यहां जिस पार्टी की सरकार होती है, उसका कैंडिडेट नहीं जीत पाता.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : 8 hours ago
राज्य गठन के बाद और उससे पहले से नगर पालिका बाड़ाहाट का इतिहास रहा है कि प्रदेश में सत्तासीन पार्टी का प्रत्याशी ने कभी नगर निकाय चुनाव में जीत हासिल नहीं की. राज्य गठन से पहले 1958 में अविभाजित उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तो उस समय पालिका में हुए पहले आम चुनाव में निर्दलीय विद्यासागर रतूड़ी ने अध्यक्ष पद का चुनाव जीता. उसके बाद सीपीआई के कमलराम नौटियाल के दो बार अध्यक्ष बनने पर भी कांग्रेस सरकार थी. वहीं 1997 में विजयपाल सजवाण के निर्दलीय चुनाव जीतने पर यूपी में बसपा की सरकार थी.
प्रदेश गठन के लगा कि यह मिथक टूट जाएगा. लेकिन यह उसके बाद भी जारी रहा. साल 2003 में भाजपा की सुधा गुप्ता बनी तो उस समय प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्ता पर थी. उसके बाद भाजपा शासनकाल में साल 2008 में भूपेंद्र चौहान और उसके बाद साल 2013 में कांग्रेस के समय जयेंद्री राणा ने निर्दलीय चुनाव जीता. वहीं फिर एक बार भाजपा के शासनकाल में साल 2018 में कांग्रेस के रमेश सेमवाल ने जीत दर्ज की थी. वहीं अब नगरपालिका में वर्तमान चुनाव के समय यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या इस बार सत्तासीन भाजपा के प्रत्याशी जीत कर मिथक तोड़ पाते हैं या एक बार फिर कांग्रेस और निर्दलीय बाजी मार जाएंगे.
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