सईम रजा यूपीएससी 188वीं रैंक मुजफ्फरपुरःएक कहावत है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. अगर कोई व्यक्ति दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ काम करें तो उसे सफलता जरूर मिलती है. इसका एक बड़ा उद्दाहरण मुजफ्फरपुर के सईम रजा हैं. मंगलवार को UPSC CSE Result के लिस्ट में उनका नाम आया. उन्होंने यूपीएससी सीएसई में 188वीं रैंक हासिल कर मुजफ्फरपुर का मान बढ़ाया है.
पिता रिटार्यड बैंककर्मीः सईम के पिता मुनावर रजा SBI बैंक के रिटायर्ड कर्मी और माता गृहणी हैं. सईम की सफलता से परिवार में काफी खुशी का माहौल है. माता-पिता बेटे की सफलता से काफी खुश हैं. एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हुए खुशियां बांट रहे हैं.
डेटा साइंटिस्ट की नौकरी छोड़ आया था घर :सईम ने बताया कि वे शहर से ही प्रारंभिक पढ़ाई लिखाई की है. इंजीनियरिंग करना था तो वे बेंगुलरू चले गए. वहां से उन्होंने बीटेक की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई पूरी होने के बाद बेंगलुरु में ही डेटा साइंटिस्ट की नौकरी करने लगे. सलाना 12 लाख रुपए का पैकेज था. करीब पांच साल काम किए.
वर्क फ्रॉम होम में आए घर: उन्होंने बताया की वे काम तो कर रहे थे लेकिन मजा नहीं आ रहा था. अपने काम से संतुष्ट नहीं हो पा रहे थे. उन्हें लोगों की मदद करना शुरू से पसंद रहा है. कोविड के दौरान वर्क फ्रॉम होम शुरू हो गया था. मुजफ्फरपुर स्तिथ आवास से काम कर रहे थे लेकिन सटिस्फेक्शन नहीं मिल पा रहा था. इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर तैयारी शुरू की.
सेल्फ स्टडी से सफलताः उन्होंने बताया की वे अपनी जॉब छोड़ दी और इसके बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट गए. तीन साल मेहनत की और तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्लियर किया. सईम बताते हैं कि उन्होंने सेल्फ स्टडी से तैयारी शुरू कर दी थी और कामयाबी हासिल की.
"परीक्षा कठिन होती है. सीट कम होती है. आप ज्यादा गलती अफोर्ड नहीं कर सकते हैं. मेरे मित्र भी परीक्षा निकाल चुके हैं. उनका भी काफी सहयोग रहा. बताते हैं कि उन्होंने पढ़ाई के लिए रिसोर्स कम रखा. रिवाइज ज्यादा किया. पढ़ाई के लिए कोचिंग नहीं की. मित्र से कॉन्फिडेंट मिलता रहा. परिवार का भी सहयोग था."-सईम रजा, यूपीएससी टॉपर
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