मुजफ्फरपुरः जून का महीना मुजफ्फरपुर सहित आस-पास के कई जिलों के मासूमों की जान का दुश्मन बन कर आता है. 2019 में तो मुजफ्फरपुर में भारी तबाही हुई थी जब चमकी बुखारके कारण कई मासूम मौत के मुंह में समा गये थे, हालांकि पिछले 4 सालों में इस पर लगाम जरूर लगी है. वहीं इस साल भी इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट पर है.
21 जून तक खतरा बरकरारःस्वास्थ्य विभाग का मानना है कि पिछले सालों की केस स्टडी के आधार पर ये बात सामने आई है कि 9 से 21 जून तक AES पीक पर रहता है. ऐसे में ये माना जा रहा है कि 9 दिनों तक खतरा बरकरार है. उसके बाद चमकी बुखार के केस आने की आशंका नहीं रहती है.
पूरी तरह तैयार है स्वास्थ्य विभागः वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी सह एसीएमओ डॉ सतीश कुमार ने बताया कि "विभाग पूरी तरह अलर्ट है और 21 जून तक विशेष सावधानी बरती जा रही है. आशा कार्यकर्ता हर दिन अपने पोषक क्षेत्र के बच्चों के घर जा रही हैं. इस दौरान कमजोर बच्चों पर विशेष नजर रखी जा रही है. बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर तुरंत डॉक्टर के पास ले जाने की सलाह दी जा रही है."
पिछले 5 सालों का डेटा तैयारः डीएम के आदेश पर जिला स्वास्थ्य विभाग ने 2019 से इस वर्ष अब तक जून महीने में मिले एईएस के मरीजों का डेटा तैयार किया है. डेटा के मुताबिक 2019 में जून महीने के दौरान 439 मरीज मिले थे, जिनमें 104 मरीजों की मौत हो गयी थी. वहीं 2020 में पांच, 2021 में पांच, 2022 में आठ और 2023 में 14 मरीज मिले थे. बात 2024 की करें तो जून महीने में अभी तक एक भी केस नहीं मिला है.