रांची:झारखंड में आजईद की खुशियां मनाई जा रही है. शहर के सभी ईदगाह और मस्जिदों पर मुस्लिम समाज के लोगों ने नमाज अदा किया और एक दूसरे से गले लगाकर आपसी भाईचारा का संदेश दिया. इस दौरान लोगों ने कहा कि ईद के मौके पर पैगम्बर मुहम्मद साहब से अपने विकास और समाज के कल्याण के साथ-साथ विश्व में शांति की भी इबादत की गई है. मुस्लिम समाज के युवाओं की एक टोली ने विश्व में फैली अशांति को लेकर अपने हुनर से एक संदेश दिया.
मुस्लिम समाज के कुछ युवाओं ने फिलिस्तीन और इजराइल के बीच हो रहे युद्ध को लेकर दुःख जताया. फिलिस्तीन के झंडे के रंग और डिजाइन का टोपी पहनकर इजराइल और फिलीस्तीन के बीच हो रहे युद्ध का विरोध किया है. विरोध जाता रहे मोहम्मद रिजवान ने कहा कि जिस तरह से इजरायल ने फिलिस्तीन के गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक पर हमला किया है, इससे फिलिस्तीन में रहने वाले कई मुस्लिम भाइयों की मौत हुई है. युद्ध में कई निर्दोष महिलाएं और मासूम बच्चों की मौत हुई है, जो कहीं ना कहीं विश्व भर के मुसलमानों को आहत कर रहा है. इसलिए ईद के मौके पर राजधानी के हिंद पीढ़ी इलाके में रहने वाले मुस्लिम युवाओं ने फिलिस्तीन के झंडे की डिजाइन का टोपी बनाया और अपने सिर पर पहनने का निर्णय लिया.
टोपी पहन कर फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे मोहम्मद शोएब ने बताया कि फिलिस्तीन में मासूम बच्चे और निर्दोष महिलाओं की मौत हो रही है. ऐसे में विश्व भर के मुसलमान को एकजुट होने की आवश्यकता है ताकि इस्लाम धर्म के शांति का संदेश लोगों तक पहुंच सकें.
वहीं, मुस्लिम नेता अबूजर बताते हैं कि फिलिस्तीन में हो रहे इजराइल हमले में कई मासूम लोगों की मौत हो रही है. जिसका दुख पूरे देश और विश्व के मुसलमान में हैं. इसलिए वे लोग ईद के मौके पर विभिन्न माध्यमों से फिलिस्तीन के सपोर्ट के लिए मुसलमानो से अपील कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि ईद के मौके पर लोगों से कम खर्च करने की अपील की जा रही है ताकि फिलिस्तीन के लोगों को राहत पहुंचाई जा सके.
वहीं, फिलिस्तीन के समर्थन कर रहे मोहम्मद नाज बताते हैं कि इंसानियत का कोई धर्म नहीं होता. किसी की भी मौत होती है तो वह दुख का विषय है और फिलिस्तीन में सैकड़ों की संख्या में मासूम लोगों की मौत हो रही है जो अत्यंत दुखदाई है. इसीलिए फिलिस्तीन के झंडे के डिजाइन की विशेष टोपी पहनकर सभी मुस्लिम भाई पूरे देश के लोगों से यह अपील कर रहे हैं कि फिलिस्तीन के समर्थन में आगें आएं. उन्होंने बताया कि युवाओं ने खुद इन टोपिया को सिला है और इसकी सिलाई करने के बाद आम लोगों के बीच इसका मुफ्त में वितरण भी किया है. इसके लिए मोहल्ले के युवाओं ने अपने पॉकेट खर्च को बचाकर टोपी बनाने एक काम किया है.
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