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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के जश्न में मुस्लिम भी शामिल, दरगाह पर की चादरपोशी, जलाईं मोमबत्तियां

Ram Mandir Pran Pratishtha: रामलला अपने गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं. सभी धर्मों के लोग खुशियां मना रहे हैं. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी प्राण प्रतिष्ठा होने का जश्न मनाया. संभल में दरगाह पर चादरपोशी की और मोमबत्तियां जला कर राम मंदिर की बधाई देते हुए सांप्रदयिक सौहार्द की मिसाल पेश की.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 23, 2024, 1:57 PM IST

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का जश्न मनाते मुस्लिम समुदाय के लोग और साधु संत.

संभल: अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई. रामलला अपने गर्भगृह में विराजमान हो गए. इसकी खुशी पूरी दुनिया में मनाई जा रही है. जश्न का माहौल है. सभी धर्मों के लोग खुशियां मना रहे हैं. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी प्राण प्रतिष्ठा होने का जश्न मनाया. संभल में दरगाह पर चादरपोशी की और मोमबत्तियां जला कर राम मंदिर की बधाई देते हुए सांप्रदयिक सौहार्द की मिसाल पेश की.

सूफी संत मलंग मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के बैनर तले रजपुरा गांव के मुस्लिमों ने राममंदिर की खुशियां मनाईं. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस मौके पर दरगाह पर चादरपोशी की तथा मोमबत्तियां जला कर राम मंदिर का स्वागत किया है. मुस्लिम समुदाय के इन लोगों ने साथ ही राम मंदिर की बधाई दी है.

फर्रुखाबाद में साधु संतों में भारी उत्साह, किया दीपदान: कादरी गेट थाना क्षेत्र के पांचाल घाट गंगा तट पर लगे मेला श्री रामनगरिया में संत समिति के अध्यक्ष श्री पंचदस नाम जूना अखाड़ा के महंत सत्यगिरी महाराज ने अयोध्या में हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में साधु संतों ने नावों से गंगा की बीच धार पहुंचकर 2100 दीपकों का दीपदान किया. उन्होंने कहा कि 500 वर्षों के बाद हमारे आराध्य भगवान रामलला अयोध्या के भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान हुए. यह बेहद खुशी का पल है और इसी खुशी में साधु संतों व कल्पवासियों ने दीपदान किया है.

हमारे महापुरुषों की वर्षों की तपस्या, बलिदान के बाद हम लोगों के समय में प्राण प्रतिष्ठा हुई है. इसलिए हम सभी देशवासियों में उल्लास का माहौल है और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का त्योहार हर वर्ष मनाया जाएगा. वहीं श्रीरामनगरिया क्षेत्र में कल्पवास कर रहे कामाख्या से आए संत मनोज भारती उर्फ बब्बा गुरु ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी के उपलक्ष में अपने आश्रम पर भव्य रामलीला का आयोजन किया.

संत मनोज भारती उर्फ बब्बा गुरु ने कहा की 500 वर्षों के बाद हमारा संकल्प पूरा हुआ है. हमारे महापुरुषों के बलिदान, त्याग, तपस्या के फलस्वरूप भगवान रामलला मंदिर में विराजमान हुए हैं. आज रामराज्य वापस आ गया है. इस उपलक्ष्य में 17 जनवरी से कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी और 22 जनवरी को रात्रि में कार्यक्रम का समापन हुआ है. आज के दिन रामलीला की लीला इसलिए रखी गई है कि हम अपने सनातन धर्म के लोगों को अवगत कराएं कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम एक ऐसे राजा थे जिनकी नीति, जिनकी व्यवस्था, जिनका प्रेम, स्नेह सभी जाति, सभी धर्म के लोगों के साथ रहा.

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