नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा के थाना ईकोटेक तीन पुलिस ने डाटा सेंटर कर्मी की हत्या का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 21 फरवरी को डी पार्क तिराहे के पास डाटा सेंटर कर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने खुलासा करते हुए मृतक के साले सहित एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया है. दोनों परिवारों में आपसी विवाद के चलते घटना को अंजाम दिया गया है. पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है. डीसीपी सेंट्रल नोएडा ने घटना का खुलासा करने वाली टीम को ₹25000 के इनाम की घोषणा की है.
दरअसल, बीती 21 फरवरी को ईकोटेक 3 थाना क्षेत्र के अंतर्गत मूल रूप से बिहार दरभंगा के थाना अलीनगर क्षेत्र के रसीदपुर गांव का रहने वाले मनजीत मिश्रा (उम्र 29 वर्ष) की गोली मारकर हत्या की गई. जो वर्तमान में गाजियाबाद के वसुंधरा में रह रहा था. मृतक के परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है.
पुलिस टीमों का गठन: डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि घटना का खुलासा करने के लिए तीन टीमों का गठन किया गया था. जांच के दौरान पाया गया कि मृतक मनजीत मिश्रा जो गाजियाबाद में रहता है वहीं पर उसका स्वयं का मकान है और वह डाटा सेंटर में प्राइवेट नौकरी करता था. पुलिस की टीमों ने 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरा को चेक किया और पाया कि मृतक अपनी कार के द्वारा डाटा सेंटर ड्यूटी के लिए निकला तो घर से ही बाइक पर दो अज्ञात बदमाश उसका पीछा कर रहे थे. डाटा सेंटर डी पार्क के पास मौका मिलते ही दोनों बदमाशों के द्वारा मृतक मनजीत मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. थाना ईकोटेक तीन पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को डाटा सेंटर के पास से गिरफ्तार किया है. जिनकी पहचान नई दिल्ली के थाना आनंद विहार निवासी सचिन राठौर और जिला बागपत के संतोषपुर बाघू निवासी प्रवीण उर्फ तिल्के के रूप में हुई है.
पारिवारिक विवाद के चलते साले ने रची हत्या की साजिश:डीसीपी ने बताया कि मृतक मनजीत मिश्रा और उसकी पत्नी मेघा दोनों एक साथ इंद्रप्रस्थ कॉलेज साहिबाबाद गाजियाबाद में पढ़ते थे. वहीं पर वर्ष 2017 में दोनों की जान पहचान हो गई. दोनों दोस्त बन गए. यह बात मेघा ने घर वालों को बताई, जिसके बाद सभी परिवार वालों की रजामंदी से मेघा की शादी 28 जनवरी 2024 को मनजीत मिश्रा के साथ कर दी गई. शादी के 15 दिन बाद ही मनजीत मिश्रा के पिता प्रमोद मिश्रा की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई. इस घटना के बाद से मनजीत मिश्रा के घर वाले मेघा को बुरा भला कहने लगे और आए दिन मेघा व मनजीत मिश्रा वह उसके परिजनों का आपस में झगड़ा होने लगा. इसकी शिकायत एक बार मेघा के भाई सचिन ने पुलिस से भी की थी. मनजीत ने अपनी जान को खतरा होने की शिकायत बीते अगस्त में इंदिरापुरम थाने में दर्ज कराई थी. विवाद के चलते मेघा के भाई सचिन ने कोर्ट में वाद दायर किया, जिसमें मेडिएशन चल रहा था. मेघा के परिवार वाले मेघा को देखकर परेशान होते थे. मेघा की हालत को देखकर मेघा के भाई सचिन ने एक दिन अपने साथ काम करने वाले बागपत निवासी प्रवीण के साथ मिलकर मनजीत मिश्रा की हत्या करने की साजिश रच कर हत्या कराई.
हत्या के लिए 15 लाख रुपए की दी सुपारी: मनजीत मिश्रा को रास्ते से हटाने के लिए उसके साले सचिन राठौर ने प्रवीण को 15 लाख रुपए देने का वादा किया और 5 लाख रुपए दिसंबर 2024 में प्रवीण को दे दिए. बाकी रुपये काम होने के बाद देने की बात कही. प्रवीण ने अपने ही गांव के एक व्यक्ति को मनजीत की हत्या करने के लिए शूटर हायर कराए. इन सभी की योजना के मुताबिक दोनों शूटरों ने ओयो होटल 5/17 साइट 4 लोनी रोड इंडस्ट्रियल एरिया मोहन नगर गाजियाबाद में रुकने का इंतजाम कराया. इन दोनों ने ही मनजीत मिश्रा का घर भी दोनों शूटरों को दिखाया और योजना के मुताबिक दोनों शूटरों ने मनजीत मिश्रा की रेकी की और उसकी गाड़ी का पीछा करते हुए डी पार्क डाटा सेंटर पर योजना के मुताबिक कार को टक्कर मारी. उसके बाद जैसे ही मनजीत मिश्रा इन शूटरों के पास आया तो इन दोनों ने मनजीत मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी और मौके से फरार हो गए.
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