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भूखंड दिलाने के नाम पर सेवानिवृत्त कर्नल से 65 लाख रुपये की ठगी - CYBER CRIMES IN NOIDA

दिल्ली NCR में आए दिन ठगी और साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं. पुलिस क्राइम के खिलाफ अलर्ट है.

भूखंड दिलाने के नाम पर सेवानिवृत्त कर्नल से 65 लाख रुपये की ठगी
भूखंड दिलाने के नाम पर सेवानिवृत्त कर्नल से 65 लाख रुपये की ठगी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 23, 2025, 10:46 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: जनपद अलीगढ़ में भूखंड दिलाने के नाम पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले रिटायर्ड कर्नल से 65 लाख रुपये ठगी का रविवार को मामला सामने आया है. प्रॉपर्टी डीलर ने सेक्टर-63 में ऑफिस खोला और पीड़ित के संपर्क में आया. थाना सेक्टर-63 पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है.

अलीगढ़ निवासी पांच लोगों के खिलाफ थाना मुकदमा दर्ज: ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित स्प्रिंग मीडोज निवासी सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने पुलिस को बताया कि वह कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हैं. पिछले दिनों वह निवेश के लिए जेवर क्षेत्र में भूखंड तलाश कर रहे थे. ऑनलाइन सर्च करने पर बिहार के जिला औरंगाबाद के गांव मिर्जापुर निवासी विकास सिंह से संपर्क हुआ. उसने खुद को प्रॉपर्टी डीलर बताया और ऑफिस सेक्टर-63 के ए ब्लॉक में होने की जानकारी दी. उसने अलीगढ़ के टप्पल में जमीन दिखाई और संपत्तियों के मालिक विक्रम सिंह से मुलाकात कराई. विक्रम सिंह ने तीन भूखंड बेचने का प्रस्ताव दिया. विक्रम सिंह ने पूरी रकम नकद में देने के लिए कहा. इस पर शिकायतकर्ता तैयार नहीं हुए. इसके बाद उन्होंने पूरी रकम प्रॉपर्टी डीलर विकास को देने के लिए कहा. इस पर उन्होंने 15 लाख रुपये के दो चेक दे दिए. इसका भुगतान गाजियाबाद के बंधन बैंक में वर्ष 2021 में हो गया. उसी वर्ष कोरोना के चलते उन्हें अचानक कोलकाता में बहू के पास जाना पड़ा. उन्होंने धीरे-धीरे करके कुल 65 लाख रुपये का भुगतान संपत्ति के खाते में कर दिया था.

जून 2022 में तीन भूखंडों की रजिस्ट्री विक्रम सिंह ने अपने पोते राजीव कुमार और गवाह के रूप में प्रॉपर्टी डीलर विकास सिंह, उतर प्रताप सिंह की उपस्थिति में की गई. दस्तावेजों के सत्यापन के संबंध में आरोपियों ने कहा कि उन्होंने पहले ही सत्यापन करा लिया है. इसके बाद तीनों भूखंडों का म्यूटेशन पूरा किया गया. आरोप है कि इसके छह माह बाद कथित भूमि मालिक नीरज अत्रे ने उनसे कहा कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है. उसके पिता को विक्रय पत्र की राशि नहीं मिली है. साथ ही यह भी बताया कि भूखंड उस जगह पर नहीं हैं, जहां पर प्रॉपर्टी डीलर ने उन्हें दिखाए थे. पीड़ित का कहना है कि आरोपियों ने मिलकर उनके साथ धोखाधड़ी करके 65 लाख रुपये हड़प लिए हैं. थाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.

डिजिटल अरेस्ट करके 8 लाख रुपये की ठगी: साइबर अपराधियों ने 83 वर्षीय बुजुर्ग को धन शोधन केस में फंसाने की धमकी देकर 18 लाख रुपये ऐंठ लिए. ठगों ने बुजुर्ग को चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा. जब बुजुर्ग से और पैसे की मांग की गई तब उसे ठगी का अहसास हुआ. पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है. पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-41 के जे ब्लॉक निवासी भूषणलाल भान ने बताया कि वे 83 साल के हैं. इसी माह 11 फरवरी को आईवीआर के जरिये भूषणलाल के पास अनजान नंबर से एक कॉल आई. कॉलर की ओर से बताया कि भूषणलाल के आधारकार्ड समेत अन्य दस्तावेज एक खेप में मिले हैं. उसके दस्तावेजों का इस्तेमाल कर धन शोधन समेत अन्य अवैध गतिविधियां की गई हैं.वीडियो कॉल पर बुजुर्ग को मुंबई पुलिस के दो अधिकारियों के साथ जोड़ा गया. दोनों ने पीड़ित से कड़ाई से पूछताछ करनी शुरु की और जेल जाने का डर दिखाया. कथित पुलिस अधिकारियों ने शिकायतकर्ता को जांच में सहयोग करने के लिए कहा. ऐसा न करने पर स्थानीय पुलिस को घर भेजकर पकड़वाने की धमकी दी गई. बुजुर्ग को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उसके साथ क्या हो रहा है. इसके बाद कॉल कथित सीबीआई अधिकारी को भी ट्रांसफर कर दी गई.

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अलीगढ़ निवासी पांच लोगों के खिलाफ थाना मुकदमा दर्ज: ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित स्प्रिंग मीडोज निवासी सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने पुलिस को बताया कि वह कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हैं. पिछले दिनों वह निवेश के लिए जेवर क्षेत्र में भूखंड तलाश कर रहे थे. ऑनलाइन सर्च करने पर बिहार के जिला औरंगाबाद के गांव मिर्जापुर निवासी विकास सिंह से संपर्क हुआ. उसने खुद को प्रॉपर्टी डीलर बताया और ऑफिस सेक्टर-63 के ए ब्लॉक में होने की जानकारी दी. उसने अलीगढ़ के टप्पल में जमीन दिखाई और संपत्तियों के मालिक विक्रम सिंह से मुलाकात कराई. विक्रम सिंह ने तीन भूखंड बेचने का प्रस्ताव दिया. विक्रम सिंह ने पूरी रकम नकद में देने के लिए कहा. इस पर शिकायतकर्ता तैयार नहीं हुए. इसके बाद उन्होंने पूरी रकम प्रॉपर्टी डीलर विकास को देने के लिए कहा. इस पर उन्होंने 15 लाख रुपये के दो चेक दे दिए. इसका भुगतान गाजियाबाद के बंधन बैंक में वर्ष 2021 में हो गया. उसी वर्ष कोरोना के चलते उन्हें अचानक कोलकाता में बहू के पास जाना पड़ा. उन्होंने धीरे-धीरे करके कुल 65 लाख रुपये का भुगतान संपत्ति के खाते में कर दिया था.

जून 2022 में तीन भूखंडों की रजिस्ट्री विक्रम सिंह ने अपने पोते राजीव कुमार और गवाह के रूप में प्रॉपर्टी डीलर विकास सिंह, उतर प्रताप सिंह की उपस्थिति में की गई. दस्तावेजों के सत्यापन के संबंध में आरोपियों ने कहा कि उन्होंने पहले ही सत्यापन करा लिया है. इसके बाद तीनों भूखंडों का म्यूटेशन पूरा किया गया. आरोप है कि इसके छह माह बाद कथित भूमि मालिक नीरज अत्रे ने उनसे कहा कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है. उसके पिता को विक्रय पत्र की राशि नहीं मिली है. साथ ही यह भी बताया कि भूखंड उस जगह पर नहीं हैं, जहां पर प्रॉपर्टी डीलर ने उन्हें दिखाए थे. पीड़ित का कहना है कि आरोपियों ने मिलकर उनके साथ धोखाधड़ी करके 65 लाख रुपये हड़प लिए हैं. थाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.

डिजिटल अरेस्ट करके 8 लाख रुपये की ठगी: साइबर अपराधियों ने 83 वर्षीय बुजुर्ग को धन शोधन केस में फंसाने की धमकी देकर 18 लाख रुपये ऐंठ लिए. ठगों ने बुजुर्ग को चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा. जब बुजुर्ग से और पैसे की मांग की गई तब उसे ठगी का अहसास हुआ. पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है. पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-41 के जे ब्लॉक निवासी भूषणलाल भान ने बताया कि वे 83 साल के हैं. इसी माह 11 फरवरी को आईवीआर के जरिये भूषणलाल के पास अनजान नंबर से एक कॉल आई. कॉलर की ओर से बताया कि भूषणलाल के आधारकार्ड समेत अन्य दस्तावेज एक खेप में मिले हैं. उसके दस्तावेजों का इस्तेमाल कर धन शोधन समेत अन्य अवैध गतिविधियां की गई हैं.वीडियो कॉल पर बुजुर्ग को मुंबई पुलिस के दो अधिकारियों के साथ जोड़ा गया. दोनों ने पीड़ित से कड़ाई से पूछताछ करनी शुरु की और जेल जाने का डर दिखाया. कथित पुलिस अधिकारियों ने शिकायतकर्ता को जांच में सहयोग करने के लिए कहा. ऐसा न करने पर स्थानीय पुलिस को घर भेजकर पकड़वाने की धमकी दी गई. बुजुर्ग को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उसके साथ क्या हो रहा है. इसके बाद कॉल कथित सीबीआई अधिकारी को भी ट्रांसफर कर दी गई.

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