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काशी में 'मौत के घर'; जर्जर मकानों में सैकड़ों परिवार, क्या जिम्मेदारों को है हादसे का इंतजार? - Varanasi Municipal Corporation

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 7, 2024, 8:50 PM IST

वाराणसी में दिनों में तीन जर्जर मकानों में हादसा हो गया. इसके बाद भी चिन्हित सैकड़ों जर्जर भवनों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. ईटीवी भारत में की पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य आए सामने.

वाराणसी में जर्जर मकान दे रहे हादसों को न्योता.
वाराणसी में जर्जर मकान दे रहे हादसों को न्योता. (Etv Bharat)

वाराणसी में सैंकड़ो जर्जर भवन. (Video Credit; ETV Bharat)

वाराणसी:बनारस में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पास मंगलवार को दो जर्जर मकान गिरने से एक महिला की मौत हो गई और नौ लोग घायल हो गए. वहीं, बुधवार को भी एक जर्जर मकान की सीढ़ियां गिरने से पूरा परिवार ऊपरी मंजिल पर कई घंटों तक फंसा रहा है. इन घटनाओं से प्रशासनिक और नगर निगम के कार्य प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि हर बारिश में इसी तरह मकान गिरते हैं और कोई ना कोई इसकी चपेट में आकर अपनी जान गवांता है. इसके बाद खानापूर्ति शुरू होती है और अधिकारी बयान देकर मामले को रफादफा करने में जुट जाते हैं. जबकि नगर निगम के रिकॉर्ड में वाराणसी में 404 जर्जर मकान हैं. इन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जो कहीं न कहीं हादसों को दावत दे रहे हैं.

404 जर्जर मकान चिह्नितःबता दें कि वाराणसी में नगर निगम कई साल पहले 404 जर्जर भवनों को चिन्हित कर चुका है. जिनमें से कोतवाली जोन में 25 भवन अकेले जर्जर है. यह वही एरिया है, विश्वनाथ सहित कई मंदिर हैं. चौक कोतवाली और तथा दशाश्वमेध जोन में करीब 100 से अधिक जर्जर मकान है. यह मकान 200 से 300 साल पुराने हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं. 50 से अधिक जर्जर मकान किराएदारी विवाद के चलते नगर निगम के गले की हड्डी बने हैं. जिन्हें न निकाला जा सकता है ना उगला. विवाद कोर्ट में लंबित होने के कारण हर अधिकारी कार्रवाई से बचता है, ताकि उसे इसका खामिया जाना भुगतना पड़े.

नोटिस भेजने के बाद भी घर नहीं किया था खालीःईटीवी भारत की पड़ताल में यह भी पता चला कि जो दो मकान मंगलवार को गिरे हैं, उन दोनों मकानों को नगर निगम ने नोटिस जारी कर रखी थी. नगर निगम में अधिकारियों का कहना है कि एक भवन को 2015 में और दूसरे को 2024 में मानसून शुरू होने से पहले ही नोटिस भेजा गया था, लेकिन उसका कोई जवाब ही नहीं दिया गया. ऐसे ही 6 जुलाई को दशाश्वमेध क्षेत्र के खालिसपुरा स्थित महादेव मंदिर के पास भी एक भवन का बड़ा हिस्सा गिरा था, लेकिन रात का वक्त होने के कारण कोई हादसा नहीं हुआ. ऐसे ही हर रोज भवन गिरते रहते हैं और इस पर कोई ध्यान नहीं देता. बता दें कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र के आसपास अभी इतने जर्जर भवन मौजूद हैं, जिसको देखकर आप डर जाएंगे. विशालाक्षी मंदिर के पास मीरघाट पर एंट्री लेने के साथ ही जर्जर भवन मौत बनकर खड़े हुए हैं. इन रास्तों पर विश्वनाथ मंदिर जाने वाले भक्तों की लाइन लगती है, जो कभी भी बड़े हादसे का सबक बन सकता है.

नए सिरे से शुरू होगा अभियानःनगर आयुक्त अक्षत वर्मा का कहना है कि जर्जर भवनों को लेकर अब अब नए सिरे से अभियान शुरू करने जा रहे हैं. चार विभागों को मिलाकर टीम बनाएंगे. जिसमें नगर निगम वाराणसी विकास प्राधिकरण जिला प्रशासन और पुलिस शामिल होगी ताकि हम कोई भी कार्रवाई करें तो किसी को आपत्ति ना हो. अधिकांश मामलों में होता यही है कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण नगर निगम के अधिकारियों को परेशान होना पड़ता है. इसलिए हम नए सिरे से लीगल एडवाइस लेकर अब जर्जर भवनों को खाली करवाने और उसे गिराने का काम करेंगी. क्योंकि लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ उचित नहीं है. लोग कोर्ट का सहारा लेकर अपने आप को बचा लेते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा हमने इस पर एक्शन शुरू कर दिया है.

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