मुंगेर: बिहार के मुंगेर में मोहम्मद सलाम हत्याकांड में मृतक के बड़े भाई और उसके दामाद को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा और पांच हजार रुपय का अर्थदंड लगया गया. 14 साल पुराने मामले में शनिवार को एडीजे पंचम धीरज कुमार मिश्रा के कोर्ट ने फैसला सुनाया. मामला संपत्ति विवाद से जुड़ा था. जिनको सजा सुनायी गयी उनमें सलाम के बड़े भाई मोहम्मद बरकत अली एवं बरकत का दामाद मोहम्मद जावेद शामिल है.
क्या था विवाद: पुश्तैनी मकान के निचले भाग में मोहम्मद बरकत अली, पहले तल्ला पर मंझला भाई एवं मो. सलाम रहता था. 18 मार्च 2010 को घर के बंटवारे के लिए मोहम्मद सलाम और मोहम्मद बरकत के बीच विवाद होने लगा. बरकत का दामाद मोहम्मद जावेद भी पहुंचा. विवाद बढ़ने पर ससुर और दामाद ने सलाम को लाठी एवं लोहे के रॉड से सिर पर मारकर जख्मी कर दिया. 22 मार्च 2010 को पटना में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
भाई-बहन पक्षद्रोही गवाहः इस केस में मृतक के मंझले भैया, भाभी, दीदी एवं जीजा समते अन्य तीन गवाह पक्षद्रोही हो गये थे. इसका मतलब हुआ कि पुलिस के सामने जो बयान दिया था उससे मुकर गये. बता दें कि मोहम्मद सलाम जब जख्मी था तो उसे उसके मंझले भाई और उसकी बहन सदर अस्पताल लेकर गए थे. वहां से भागलपुर फिर पटना लेकर गए थे. सजा सुनाये के दौरान जावेद की पत्नी कई बार बेहोश हो गई.
अप्राकृतिक यौनाचार में पुजारी को उम्रकैद: शनिवार को पोक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार चौधरी ने असरगंज थाना कांड संख्या 10/ 2023 में सजा के बिंदु पर सुनवाई की. दोषी राम प्रसाद पासवान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि 29 जनवरी 2023 को असरगंज के एक मंदिर में एक बालक खेल रहा था. इसी दौरान मंदिर के पुजारी राम प्रसाद पासवान ने चॉकलेट खिलाने के बहाने सुनसान जगह में उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध किया.
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