मुंगेर:बिहार के मुंगेर शिक्षा विभाग में उगाही मामले में डीएम ने बड़ी कार्रवाई की है. टेटिया बंबर बीईओ भोगेंद्र कामती समेत दो शिक्षक को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया है. इन लोगों पर वसूली और अनियमितता का आरोप है.
डीएम का निर्देश: इस मामले में मुंगेर डीएम अवनीश कुमार की ओर से निर्देश पत्र जारी किया गया है. डीएम की इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों और शिक्षकों में हड़कंप मचा है. चारों ओर पदाधिकारी और शिक्षक की चर्चा हो रही है.
निलंबित करने का आदेश: प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भोगेंद्र कामती और उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय, श्रीमतपुर के नियोजित शिक्षक अमरकांत पटेल के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. इनके खिलाफ 'प्रपत्र क' गठित कर निलंबित करने का आदेश है. इसी स्कूल के विद्यालय अध्यापक नीतिश कुमार नवीन के खिलाफ कार्रवाई की गयी है.
पटना से मिली थी शिकायत: डीएम ने बताया कि बीईओ और दोनों शिक्षकों के खिलाफ पटना से शिकायत मिली थी. बीईओ पर आरोप है कि शिक्षक अमरकांत पटेल को बिना उच्च पदाधिकारी के सहमति के अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उन्हें गैर शैक्षणिक कार्य में रखा गया. जांच में सामने आया कि शिक्षक के द्वारा बीईओ के निर्देश पर विभिन्न स्कूल के प्रधान और शिक्षक से वसूली किया जा रहा है.
100 रुपया वसूली का आरोप: दूसरी ओर शिक्षक नीतिश कुमार नवीन पर वसूली का आरोप है. दसवीं के छात्रों से प्रैक्टिकल के नाम पर 100 रुपया अवैध रूप से लिया जा रहा था. शिकायत मिलने पर बीईओ संग्रामपुर से जांच करायी गयी. जांच में शिक्षक दोषी पाए गए. छात्रों का रुपया वापस कराया गया और शिक्षक के खिलाफ निलंबन के लिए 'प्रपत्र क' गठित किया गया.
"इन लोगों के खिलाफ शिकायत मिली थी. जांच में दोषी पाए गए. शिक्षक पर नियुक्ति स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त नियमावली-2023 के प्रावधान अंतर्गत निलंबन की कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया."-अवनीश कुमार, मुंगेर डीएम
निलंबन क्या है?: निलंबन एक अस्थायी कार्रवाई है. अगर आरोपी निर्दोष पाया जाता है तो उसे फिर से ड्यूटी पर बुलाया जा सकता है. अनुशासनहीनता और नियम के उल्लंघन करने पर यह कार्रवाई की जाती है. इसमें कर्मी या अधिकारी को ड्यटी करने से रोक दिया जाता है. इस दौरान वेतन दिया जाता है, इसके अलग-अलग नियम होते हैं. निलंबन एक निर्धारित समय के लिए होता है.
बर्खास्तगी क्या है?: बर्खास्तगी एक स्थायी कार्रवाई होती है. इसें दोषी पाए गए कर्मी और अधिकारी को नौकरी से निकाल दिया जाता है. बर्खास्तगी के बाद कर्मी और अधिकारी को नौकरी जारी रखने का अधिकार नहीं होता. यह कार्रवाई करने से पहले कई तरह की चेतावनी दी जाती है. बर्खास्तगी यानि हमेशा के लिए नौकरा खत्म हो जाता है.
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