लखनऊ: पंजाब की पटियाला जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के गुर्गे जुगनू वालिया को कोर्ट ने दो साल कैद की सजा सुनाई है. हालांकि, वह हत्या के प्रयास के मामले में बरी हो गया है. कोर्ट ने जुगनू को यह सजा मार्च 2011 को आलमबाग में दर्ज मुकदमे में सुनाई है.
बता दें, जुगनू वालिया यूपी के टॉप 65 अपराधियों की लिस्ट में शामिल है. बावजूद इसके वह मुख्तार अंसारी की ही तरह पंजाब की जेल में बंद है और यूपी पुलिस उसे वापस नहीं ला सकी है.
अभियोजन अधिकारी अरविंद कुमार अवस्थी के मुताबिक देवेंद्र सिंह दीपा ने 9 मार्च 2011 को लखनऊ के आलमबाग थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी. जिसके अनुसार वह रात साढ़े नौ बजे अपने घर के दरवाजे के पास खड़े होकर अपने पड़ोसी से बात कर रहे थे. उसी दौरान जुगनू वालिया स्कूटर से उसके घर के सामने आकर रुका और हाथ में लिए दोनली बंदूक से उसके ऊपर फायर कर दिया.
हमले के बाद उन्होंने घर के अंदर भाग कर अपनी जान बचाई. हालांकि इस दौरान उनकी कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी. इसी मामले में विशेष न्यायधीश पीसी एक्ट पंचम की कोर्ट ने जुगनू को रंगदारी मांगने पर न देने के चलते तोड़फोड़ करने पर दो साल कैद और पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है.
गुरु मुख्तार की राह पर चेला जुगनू वालिया:मुख्तार अंसारी को अपना गुरु बताने वाला जुगनू वालिया उसी की राह पर चल रहा है. करीब दो साल तक लखनऊ पुलिस की आंख में धूल झोंक फरार रहे जुगनू वालिया को लखनऊ पुलिस कई बार तलाशने पंजाब गई लेकिन खाली ही हाथ लौटी.
6 मई 2023 को पंजाब की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने उसे खार से गिरफ्तार किया. पंजाब पुलिस ने यह माना था कि वह मुख्तार का गुर्गा है और यूपी पुलिस का मोस्ट वांटेड अपराधी है. हालांकि एजेंसी ने उसे महज अवैध हथियार रखने के आरोप में ही गिरफ्तार किया था. इसके बाद उसे पंजाब की रूपनगर जेल भेजा गया. सूत्र बताते हैं कि सेटिंग करके वह बाद में पटियाला जेल में शिफ्ट हो गया था.
मुख्तार ने कांग्रेस तो चेले जुगनू ने आप सरकार में बनाई सेटिंग:पंजाब में कांग्रेस सरकार के दौरान मुख्तार अंसारी ने वहां की जेल को अपना आरामगाह बना रखा था. यूपी पुलिस की लाख कोशिश के बाद भी पंजाब सरकार ने मुख्तार को यूपी नहीं जाने दिया था, जबकि कैप्टन सरकार ने मुख्तार के ऐशो आराम पर करोड़ों रुपए खर्च किए थे. जिसका खुलासा खुद सीएम भगवंत मान ने किया था.
लेकिन अब उसी तरह पंजाब में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो जुगनू ने वहां सेटिंग बनाकर यूपी पुलिस से बचकर पंजाब जेल को अपना ठिकाना बनाए हुए है. जबकि यूपी पुलिस के टॉप अपराधियों की लिस्ट में शुमार जुगनू को लखनऊ की सीजीएम कोर्ट पटियाला द्वारा जुगनू वालिया को लखनऊ कोर्ट में पेश करने के आदेश जारी किया गया था लेकिन, पटियाला जेल से लखनऊ नहीं भेजा जा रहा है.
ये भी पढ़ेंःअखिलेश यादव के करीबी सपा नेता ने नाबालिग से की रेप की कोशिश; कन्नौज पुलिस ने किया गिरफ्तार