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मुहर्रम पर अजमेर में 'आशिकान-ए-हुसैन' ने नंगी तलवारों से खेला हाईदौस, दूर दराज से देखने के लिए उमड़े लोग - Muharram 2024

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 17, 2024, 7:11 PM IST

Updated : Jul 17, 2024, 7:35 PM IST

Hydaous in Ajmer, बुधवार को मुहर्रम के अवसर पर मुस्लिम समाज ने अजमेर में 800 साल पुरानी परंपरा निभाते हुए हाईदौस खेला. इस दौरान डोले शरीफ की सवारी निकाली. सवारी के आगे सैंकड़ों लोग हाथों में नंगी तलवारें लहराते और चीखते चिल्लाते हुए एक बड़े घेरे में घूमते नजर आए.

'आशिकान ए हुसैन' ने नंगी तलवारों से हाईदौस खेला
'आशिकान ए हुसैन' ने नंगी तलवारों से हाईदौस खेला (ETV Bharat Ajmer)

नंगी तलवारों से खेला हाईदौस (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर : मुहर्रम के अवसर पर अजमेर के दरगाह क्षेत्र में 800 साल से चली आ रही अनोखी परंपरा का निर्वहन किया गया. बुधवार को दी अंदरकोटियान सोसायटी पंचायत की ओर से 'आशिकान ए हुसैन' ने नंगी तलवारों से हाईदौस खेलकर कर्बला की याद को ताजा किया. हाईदौस को देखने के लिए दूरदराज से बड़ी संख्या में लोग जुटे. वहीं, बड़ी संख्या में पुलिस का जप्ता भी मौके पर तैनात रहा.

बड़े घेरे में घूमते रहे लोग :दरगाह क्षेत्र में अंदरकोट क्षेत्र में मुहर्रम के अवसर पर हाईदौस खेलने की अनूठी परंपरा है. इस परंपरा को केवल अंदरकोटियान पंचायत के लोग ही निभाते आए हैं. परंपरा के तहत अंदरकोटियान पंचायत के लोगों ने मुहर्रम के अवसर पर डोले शरीफ की सवारी निकाली. सवारी के आगे सैंकड़ों लोग हाथों में नंगी तलवारें लहराते और चीखते चिल्लाते हुए एक बड़े घेरे में घूमते नजर आए. कुछ ही देर में माहौल किसी जंग सा लगने लग गया. लोग चीख-चीखकर घेरे में तलवारें लहराते रहे.

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ढाई दिन के झोपड़े के समीप तोप दागी : इससे पहले पंचायत के लोगों ने ढाई दिन के झोपड़े के समीप 5 बार तोप दागी. इसके बाद समीप ही हताई चौक से ढोले शरीफ की सवारी का आगाज हुआ. डोले शरीफ को कांधा देने के लिए लोगों में होड़ मची रही. डोले शरीफ से आगे बड़ी संख्या में पंचायत के लोग घेरे में हाईदौस खेलते रहे. करीब सवा 2 बजे हाईदौस शुरू हुआ. हताई चौक से हाईदौस खेलते हुए लोग त्रिपोलिया गेट पहुंचे. यहां से ढाई दिन का झोपड़ा होते हुए कातन बावड़ी और उसके बाद आंबा बावड़ी सवारी गई, जहां डोले शरीफ को सैराब किया गया.

डेढ़ दर्जन से भी अधिक लोग हुए जख्मी :हाईदौस खेलते हुए लोगों में जोश और उत्साह रहता है. तलवारों को लोग इस तरह से लहराते हैं, जैसे जंग लड़ी जा रही है. दरअसल, परंपरा के तहत इस तरह से लोग कर्बला की जंग का मंजर पेश करते हैं. कर्बला में ईमाम हुसैन और उनके साथ 72 जनों ने अपनी शहादत दी थी. इस शहादत को याद करते हुए पंचायत के लोग हाईदौस की परंपरा को निभाते हैं. तलवारें लहराते हुए लोगों का मकसद किसी को नुकसान पहुंचाने का नहीं होता है, लेकिन जोश और उत्साह के बीच मामूली हादसे हो जाते हैं. कई बार लोगों के तलवारों से चोटें लग जाती है. मौके पर ही जख्मी लोगों का इलाज किया जाता है. उनके जख्मों पर टांके लगाने और मरहम पट्टी लगाने के लिए जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद रहती है. हाईदौस खेलने के दौरान डेढ़ दर्जन लोगों को चोट आई, जिनका मौके पर ही प्राथमिक उपचार किया गया. उपचार के बाद लोग फिर से हाईदौस खेलने लगे.

डोले शरीफ को कांधा लगाने और छूने की होड़ (ETV Bharat Ajmer)

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डोले शरीफ से मांगी मन्नत :डोले शरीफ बीबी फातिमा का रोजा है. बीबी फातिमा इमाम हुसैन की माता थीं. डोले शरीफ को कांधा लगाने और छूने की होड़ लोगों में रही. लोगों ने डोले शरीफ की जियारत कर अपनी मन्नत मांगी. लोगों को विश्वास है कि डोले शरीफ की जियारत से हर जायज मन्नत पूरी होती है. हाईदौस शुरू होने से पहले ही जिला कलेक्टर भारती दीक्षित और अजमेर पुलिस कप्तान देवेंद्र बिश्नोई मौके पर पंहुचे. इनके अलावा कई राजनीतिक दलों से जुड़े नेता और अधिकारी भी मौजूद रहे. अंदरकोटियान पंचायत के लोगों ने सभी का दस्तार बंदी करके स्वागत किया. हाईदौस के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस का जाप्ता भी तैनात रहा, लेकिन हाईदौस खेल रहे लोगों के घेरे में व्यवस्था पंचायत के लोगों ने ही संभाली. बता दें कि हाईदौस खेलने की परंपरा 800 बरस से भी अधिक पुरानी है. आजादी के बाद से बाकायदा परंपरा के निर्वाहन के लिए प्रशासन की ओर से 100 तलवारें दी जाती हैं.

ढोल नगाड़ों के साथ मनाया गया पर्व (ETV Bharat Ajmer)

कुचामन सिटी में निकाला ताजिया का जुलूस :बुधवार को कुचामन शहर में ताजिया जुलूस निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. मुहर्रम को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से पुलिस प्रशासन की कड़ी व्यवस्था की गई. इमाम हुसैन और उनके साथ हुए शहीदों की शहादत की याद में पूरे देश में मुहर्रम का पर्व मनाया गया. इसी सिलसिले में नागौर जिले में भी ढोल और ताशों की मातमी धुनों में साथ ताजिये निकाले गए. इस दौरान जुलूस में शामिल युवाओं ने लाठी-डंडे से करतब दिखाए.

Last Updated : Jul 17, 2024, 7:35 PM IST

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