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Jharkhand Election 2024: असम से सटा है बांग्लादेश बॉर्डर और झारखंड में घुसपैठ की बात करते हैं हिमंता, गांडेय में बोले सरफराज अहमद

झामुमो के राज्यसभा सांसद सरफराज अहमद ने बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर हिमंता बिस्वा सरमा पर जमकर हमला बोला.

Bangladeshi infiltration Jharkhand
जनसंपर्क करते सांसद सरफराज अहमद (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 4 hours ago

गिरिडीह: झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को राज्य में फिर से बहुमत मिलेगा और राज्य में झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार बनेगी. यह दावा राज्यसभा सांसद डॉ. सरफराज अहमद ने किया. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता राज्य की वर्तमान हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रभावित है. इसका असर चुनाव परिणाम के रूप में दिखेगा.

गांडेय विधानसभा में झामुमो प्रत्याशी कल्पना मुर्मू सोरेन की जीत को निश्चित बताते हुए उन्होंने कहा कि इस चुनाव में उपचुनाव के परिणाम का रिकॉर्ड भी टूटने वाला है. गांडेय की जनता इस चुनाव में कल्पना सोरेन की जीत का नया रिकॉर्ड बनाएगी. यह बातें उन्होंने शुक्रवार को क्षेत्र भ्रमण व जनसंपर्क अभियान के तहत गांडेय विधानसभा क्षेत्र के बेंगाबाद प्रखंड में ईटीवी संवाददाता से बातचीत के दौरान कही.

डॉ सरफराज अहमद से बात करते संवाददाता आबिद अंजुम (ईटीवी भारत)

बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा फर्जी

राज्यसभा सांसद ने कहा कि भाजपा का बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा चुनावी स्टंट और फर्जी है. घुसपैठ का मुद्दा अंतरराज्यीय नहीं बल्कि दो देशों के बीच सीमा का मामला है, जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य की सीमा कहीं से भी बांग्लादेश से नहीं जुड़ी है. जिन राज्यों से बांग्लादेशी घुसपैठ की आशंका है, वहां भाजपा समर्थित सरकारें हैं. असम राज्य की सीमा बांग्लादेश से लगती है और वहां के सीएम झारखंड आकर चुनाव प्रचार में बांग्लादेशी घुसपैठ की बात कर रहे हैं.

डॉ अहमद ने कहा कि घुसपैठ को लेकर उनके द्वारा कई बार जांच भी की गई, लेकिन हर बार झारखंड में घुसपैठ की बात साबित नहीं हो सकी. यह सब भाजपा का चुनावी स्टंट है, चुनाव के बाद सब खत्म हो जाएगा.

हेमंत सरकार की लोकप्रियता से डरी हुई है भाजपा

डॉ अहमद ने पेपर लीक और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी भाजपा पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने पेपर लीक मामले में सबूत मांगा है. लेकिन अब तक कोई सबूत नहीं दिया गया है. भाजपा के लोग हर चुनाव में इन मुद्दों को चुनावी स्टंट बनाते हैं और लोगों को गुमराह करने का काम करते हैं. भाजपा के कारण ही राज्य के होनहार बच्चों और छात्रों का भविष्य अंधकार में जा रहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड में सबसे लंबे समय तक भाजपा के लोगों ने सरकार चलाई, लेकिन कोई काम नहीं किया. अब झामुमो की सरकार में एक आदिवासी का बेटा राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहा है, यह भाजपा बर्दाश्त नहीं कर पा रही है.

रिजवान के पार्टी में आने से न नफा ना ही नुकसान

एक सवाल के जवाब में राज्यसभा सांसद ने कहा कि जेेएलकेएम के गांडेय विधानसभा प्रत्याशी अकील अख्तर उर्फ ​​रिजवान के चुनावी मैदान से हटने और झामुमो में शामिल होने से न कोई लाभ है, न कोई नुकसान. उन्होंने साफ कहा कि चुनाव में इंडिया गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. क्रांतिकारी हेमंत सरकार के काम से प्रभावित होकर रिजवान झामुमो में शामिल हुए हैं. अब उन्होंने अपनी पार्टी क्यों छोड़ी ये तो जेएलकेएम के लोग ही बताएंगे.

कई गांवों में चलाया जनसंपर्क अभियान

बता दें कि राज्यसभा सांसद ने चुनाव के मद्देनजर कई गांवों में जनसंपर्क अभियान चलाया. इस दौरान उन्होंने हेमंत सरकार की अबुआ आवास योजना, मंईयां सम्मान योजना, बिजली बिल, किसान ऋण माफी योजनाओं के बारे में क्षेत्र के लोगों से चर्चा की. साथ ही उन्होंने झामुमो प्रत्याशी कल्पना मुर्मू सोरेन के पक्ष में वोट करने की अपील की और हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य में फिर से सरकार बनाने की बात कही. इस दौरान उनके साथ झामुमो प्रखंड अध्यक्ष नुनूराम किस्कू, झामुमो नेता विजय सिंह, मोहम्मद फखरुद्दीन, इनामुल हक, कांग्रेस नेता नेसब अहमद, दुर्गा प्रसाद, मोहम्मद जैनुल अंसारी, मुस्तकीम अंसारी समेत बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद थे.

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