JABALPUR CHEAP HOUSES AVAILABLE: एक तरफ निजी बिल्डरों की कॉलोनी में केवल रंग-रोगन की वजह से मकान की कीमत आसमान छू रही है. दूसरी तरफ जबलपुर के हाउसिंग बोर्ड की सरकारी कॉलोनी में मकान कौड़ियों के दाम पर मिल रहे हैं. जबलपुर के महाराजपुर में हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनी में आज भी 6 लाख से मकान की कीमत शुरू हो रही है. जरूरतमंद लोग बजट के अनुसार यहां मकान खरीद सकते हैं.
खरीदें एमपी हाउसिंग बोर्ड के तहत बने ये मकान
जबलपुर के महाराजपुर में हाउसिंग बोर्ड की एक बड़ी कॉलोनी है. इस कॉलोनी में हाउसिंग बोर्ड के के ईडब्ल्यू एस एल आई जी और एचआईजी क्वार्टर्स खाली पड़े हुए हैं. हाउसिंग बोर्ड ने कुछ साल पहले इन मकानों को बनाया था. मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने इन मकानों को ऑनलाइन बोली के आधार पर बेचा भी है, लेकिन उसके बाद भी यहां बहुत से मकान से हैं, जो अभी बिक नहीं पाए हैं.
जबलपुर में 6 लाख से लेकर 10 लाख रुपए में घर (ETV Bharat) ज्यादा कीमत नहीं, महज 6 लाख में नया घर
हाउसिंग बोर्ड इन मकानों को बेचने के लिए मकान के बाहर इस बात की जानकारी जाहिर कर रहा है कि हाउसिंग बोर्ड को इन मकानों को बेचना है. सबसे अच्छी बात यह है कि यह सभी मकान किसी मल्टी का हिस्सा नहीं है, बल्कि इंडिपेंडेंट हाउस है. इनमें सभी में खरीददार को जमीन मिलेगी. सबसे छोटे क्वार्टर्स भी 500 स्क्वायर फीट के हैं. जिनकी कीमत 6 लाख से लेकर 10 लाख रुपए तक है.
जबलपुर हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनी में सस्ते घर (ETV Bharat) 1200 स्क्वायर फीट पर बने 2 BHK
1200 स्क्वायर फीट पर बने 2 बीएचके के घरों में एक मध्यम वर्गीय परिवार के लिए पूरी सुविधाएं उपलब्ध है. 1200 स्क्वायर फीट के मकान की कीमत लगभग 30 लाख रुपए है. शहरों में ज्यादातर कॉलोनियां अवैध घोषित हो जाती है. इसकी वजह से वहां बिजली, पानी, नाली, खुले मैदान नहीं होते, लेकिन महाराजपुर की हाउसिंग बोर्ड की इस कॉलोनी में पक्की सड़के हैं. खुले मैदान हैं. पानी निकालने के लिए नालियां बनाई गई है. पानी सप्लाई के लिए टंकियां बनी हुई है. सड़कों पर उजाला और कॉलोनी पूरी तरह वैध हैं.
खरीददार लगा सकते हैं बोली
हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी हेमंत वाजपेईका कहना है कि "इन मकानों को खरीदने के लिए उनके ऑफिस में संपर्क किया जा सकता है. इच्छुक खरीददार अपनी बोली लगा सकता है. दरअसल, जिस समय महाराजपुर में हाउसिंग बोर्ड ने इस कॉलोनी का निर्माण किया था. उस समय यह कॉलोनी शहर से दूर नजर आती थी, लेकिन अब महाराजपुर के आसपास ही विकास हो गया है. इस कॉलोनी के आसपास से कई बड़ी सड़के गुजर रही हैं. इसलिए मुख्य शहर के कारोबारी बाजार से भी अब महाराजपुर आना जाना दूर नहीं है."