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एमपी हाईकोर्ट में परिवहन आयुक्त ने पेश किया हलफनामा, वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई का ब्यौरा - Motor Vehicle Act MP - MOTOR VEHICLE ACT MP

मध्यप्रदेश में मोटर व्हीकल एक्ट का पालन सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट ने निर्देश जारी किए हैं. परिवहन आयुक्त तथा एडीजीपी ने इस संबंध में हाईकोर्ट में हलफनामा प्रस्तुत किया है. इसमें अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा है.

Motor Vehicle Act MP
एमपी हाईकोर्ट में परिवहन आयुक्त ने पेश किया हलफनामा

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 3, 2024, 3:45 PM IST

जबलपुर।हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है. विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य की तरफ से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर ये याचिका सुनवाई के लिए मुख्य पीठ में स्थानांतरित की गयी. याचिका में कहा गया था कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते तो उनकी मौत नहीं होती. अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है.

वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना आवश्यक

चौपहिया वाहन चालकों के लिए सीट बेल्ट लगाना जरूरी है. साथ ही वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना भी आवश्यक है. इन नियमों का प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है. मोटर व्हीकल एक्ट में दिये गये प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाये तो सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आएगी. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन निश्चित तौर पर किया जाने के आदेश जारी किए थे. आदेश का पालन नहीं होने पर युगलपीठ ने सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई थी. हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट, हेलमेट तथा सीट बेल्ट की अनिर्वायता का निश्चित तौर पर परिपालन के लिए हाईकोर्ट ने 6 माह का समय प्रदान किया था.

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हाईकोर्ट ने परिवहन आयुक्त को जारी किया था शोकॉज नोटिस

निर्धारित समय सीमा में आदेश का परिपालन नहीं होने के कारण हाईकोर्ट ने परिवहन आयुक्त तथा एडीजीपी पुलिस मुख्यालय को तलब करते हुए अवमानना के संबंध में उन्हें शोकॉज नोटिस जारी किये थे. दोनों अधिकारियों की तरफ से शोकॉज नोटिस का जवाब पेश किया गया था, जिसे युगलपीठ ने स्वीकार किया था. पिछली सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने आदेश के परिपालन के संबंध में 24 घंटे के अंदर हलफनामा प्रस्तुत करने निर्देश जारी किये थे. याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान परिवहन आयुक्त तथा एडीजीपी की तरफ से पेश किये गये हलफनामे में चालानी कार्रवाई की जानकारी दी.

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