जबलपुर। हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू व जस्टिस विजय सराफ की युगलपीठ ने अपने महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गलत तरीके से अभियोजन की अनुमति देने से इनकार करके दोषी का बचाव नहीं करे. विभाग द्वारा अभियोजन की मंजूरी देने से इनकार करना कानून की नजर में गलत है. युगलपीठ ने यह सख्त टिप्पणी विभाग द्वारा दो बार अभियोजन स्वीकृति की मंजूरी नहीं किये के मामले में दी गई.
अभियोजन को दो बार अस्वीकार किया, तीसरी बार स्वीकृति
शशिकांत मिश्रा की तरफ से दायर की गयी याचिका पर हाईकोर्ट ये टिप्पणी की. याचिका में बताया गया है कि विजिलेंस विभाग द्वारा दो बार अभियोजन की स्वीकृति अस्वीकार किये जाने के बाद तीसरी बार स्वीकृति दी गई. याचिका में कहा गया था उन पर आरोप है कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया साखा सिलौडी जिला कटनी में पदस्थ रहने के दौरान 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया. सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज करते हुए प्रकरण को विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया.