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मध्य प्रदेश में गहराया खाद का संकट, 16 जिलों में कलेक्टर को चिट्ठी सौंप सड़कों पर उतरे किसान - MADHYA PRADESH DAP CRISIS

मध्य प्रदेश में डीएपी खाद की समस्या गहरा गई है. भारतीय किसान संघ ने प्रदेश के 16 जिलों में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

MADHYA PRADESH DAP CRISIS
मध्य प्रदेश में किसानों ने किया विरोध (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 18, 2024, 10:48 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में बिजाई (बुआई) का समय नजदीक आ गया है, लेकिन किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पा रही है. इससे प्रदेश के किसानों में आक्रोश है. सोमवार को भारतीय किसान संघ के बैनर तले प्रदेश के 16 जिलों के किसानों ने अपने-अपने जिलों में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने की मांग की है.

'सरकार ने डीएपी का इम्पोर्ट कम किया'

भारतीय किसान संघ, मध्य भारत प्रांत के अध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान ने कहा कि "मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में खाद के पर्याप्त इंतजाम के दावे कर रही है, लेकिन फिर भी खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की लंबी लाइनें देखने को मिल रही है. किसानों को खाद के लिए सोसायटियों पर चक्कर काटने पड़ रहे हैं. कहीं लाइन के रूप में टोकन रखे जा रहे हैं. इसका बड़ा कारण इस बार सरकार द्वारा डीएपी का कम इम्पोर्ट करना है. जिसकी वजह से किसान परेशान हो रहे हैं."

किसान संघ ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन (ETV Bharat)

'लगातार आ रही खाद की कमी की शिकायतें'

सर्वज्ञ दीवान ने कहा, "जबलपुर के पाटन, पनागर, सिहोरा में आधार कार्ड की लाइन लगी तस्वीरें सामने आई हैं. जो यह बताती हैं कि खाद संकट की क्या स्थिति है. खाद के लिए किसानों को दिन रात लाइन लगाकर बैठना पड़ रहा है. यह स्थिति जबलपुर क्षेत्र की ही नहीं है, बल्कि ऐसे ही हालात बुंदेलखंड, ग्वालियर चंबल और मालवा इलाकों में भी है. फसल बुवाई का समय निकलता जा रहा है और किसान को अब तक खाद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में भारतीय किसान संघ और किसानों को सड़क पर उतरना पड़ रहा है.

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निजी दुकानों पर दाम अधिक

किसान नेताओं का कहना है कि सोसायटियों पर खाद नहीं मिल रही है. वहीं, निजी दुकानों पर ज्यादा कीमत में बिक रही है. मिलीभगत कर खाद की कालाबाजारी हो रही है. इसी समस्या को लेकर मध्य भारत प्रांत के 16 जिलों में किसानों ने जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा है. इसमें भिंड, मुरैना, गुना, शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर, मंदसौर, उज्जैन, इंदौर, देवास, रतलाम और धार समेत 16 जिले शामिल हैं.

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