एमपी डेस्क.मध्यप्रदेश में मॉनसून के कई स्ट्रॉन्ग सिस्टम बनने से प्रदेश के ज्यादातर जिलों में भारी बारिश का दौर जारी है. बैतूल के सारणी में शनिवार-रविवार की रात 8 इंच पानी बरस जाने से सतपुड़ा बांध के 14 में से 11 गेट खोलने पड़े. नर्मदापुरम में अति भारी बारिश से निचले इलाके जलमग्न हो गए. वहीं भोपाल में भारी बारिश से कलियासोत डैम अपने फुल टैंक लेवल से महज 3 मीटर दूर रह गया है. आगे इंफोग्राफिक्स में देखें मध्यप्रदेश के प्रमुख बांधों का अधिकतम, न्यूनतम और वर्तमान जल स्तर.
कम बारिश के बाद मॉनसून ने पकड़ी रफ्तार
गौरतलब है कि एमपी में 1 जून से 20 जुलाई तक औसत से 9 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई थी. हालांकि, 20 जुलाई से ज्यादातर जिलों में भारी बारिश हुई है, जिससे औसत बारिश के प्रतिशत में सुधार होगा. 20 जुलाई से पहले पश्चिमी मध्य प्रदेश में औसत से 2 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई, वहीं पूर्वी मध्य प्रदेश में 20% कम बारिश हुई थी. हालांकि, माना जा रहा है कि जुलाई के अंत औसत से ज्यादा बारिश हो सकती है.
देवास में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात
भारी बारिश होने से मुरझाई हुई सोयाबीन और मक्का की फसल के साथ किसानों के चेहरे खिले ही थे कि शनिवार-रविवार ऐसी बारिश हुई कि खेती-बाड़ी का काम ही रुक गया. रविवार को देवास में दिनभर की बारिश ने क्षेत्र के नदी नाले उफान पर ला दिए. देवास जिले के खातेगांव में लगातार भारी बारिश होने से जामनेर नदी उफान पर आ गई और पुलिया के ऊपर खतरे के निशान से 2 फीट ऊपर तक बह रही है.
24 जुलाई को ऑरेंज अलर्ट
एमपी में भारी बारिश का दौर अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा. मौसम विभाग ने 24 जुलाई 2024 को भी पश्चिमी मध्य प्रदेश में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी मध्य प्रदेश में 115.6 मिमी से 204.4 मिमी बारिश हो सकती है. वहीं 23 जुलाई को पूर्वी मध्यप्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट है. ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है और नदी, नालों व निचले इलाकों से दूर रहने को कहा जा रहा है.