भोपाल।महाकौशल में जिला पंचायत सदस्य से लेकर जबलपुर के मेयर तक दलबदल. ये दलबदल बीजेपी के उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें खिलाड़ी को मैदान में उतरने से पहले ही कमजोर कर दिया जाता है. आम चुनाव से पहले इस तादाद में ये दलबदल और कुछ नहीं तो कांग्रेस का मनोबल तोड़ने को काफी है. जनता में ये संदेश पहुंचाने के लिए भी पर्याप्त है कि कांग्रेस की ज़मीन खिसकी ही नहीं, अब उसमें गहरी दरारें भी आ रही हैं. राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा जिसके एमपी में मार्च तक पहुंचने की संभावना है. जानकारी के मुबातिक उन दिनों ये दलबदल और ज़ोर पकड़ेगा और खासकर उन इलाकों में जहां से ये यात्रा निकलने जा रही है. उन इलाकों खासकर ग्वालियर चंबल में होल्ड के बाद दलबदल उन्ही दिनों होगा.
महाकौशल में बीजेपी का मजबूत होता मैदान
विधानसभा चुनाव के पहले जिस महाकौशल से ही कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अपनी पार्टी के चुनावी कैम्पेन की शुरुआत की थी. जिस जबलपुर शहर मे नर्मदा के तट पर खड़े होकर प्रियंका ने पूजन करने के साथ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कैम्पेन की शुरुआत की थी. उसी जबलपुर के मेयर जगत बहादुर सिंह अन्नू विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद दो महीने के भीतर ही पार्टी छोड़ गए. बावजूद इसके कि वे धारा के विपरीत कांग्रेस से ही जीतकर निकाय चुनाव में मेयर पद तक पहुंचे थे. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलिया कहते हैं कि एक मेयर का दलबदल महाकौशल में कांग्रेस की जमीन पर कितना फर्क पड़ेगा, ये कहना मुश्किल है. लेकिन बीजेपी जनमानस में ये बिठा देगी कि कांग्रेस पार्टी अब कांग्रेसियों को ही रास नहीं आ रही. ये सदेश चुनावी राजनीति में आम जनता के बीच पहुंचाने बहुत बड़ा संदेश होगा.