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बीजेपी में भी क्या सब ठीक नहीं है, सांसद अजय प्रताप सिंह का पार्टी सदस्यता से भी इस्तीफा - MP BJP politics

MP BJP Politics: एक ओर मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के 5 हजार से अधिक नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं, तो वहीं भाजपा सांसद अजय प्रताप सिंह ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. बीजेपी सांसद का इस्तीफा क्या भाजपा में टीजर है...

BJP MP Ajay Pratap Singh Resigns
भाजपा सांसद अजय प्रताप सिंह का पार्टी सदस्यता से भी इस्तीफा

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 16, 2024, 8:27 PM IST

भोपाल। जिस समय बीजेपी में लाव लश्कर के साथ पहुंच रहे कांग्रेसियों को फटका डाल कर भाजपाई बनाया जा रहा है. उस समय में लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के ठीक पहले बीजेपी से सांसद अजय प्रताप सिंह का इस्तीफा ये बता रहा है कि कांग्रेस जैसे हालात भले ना हों, लेकिन पूरी तरह अच्छी सेहत में बीजेपी भी नहीं है. ये इस्तीफा इस बात की भी तस्दीक है कि ऊपर से हरी दिखाई दे रही बीजेपी की तस्वीर में भी सबकुछ हरा हो ऐसा नहीं है. अजय प्रताप आरोपों की फेहरिस्त बीजेपी हाईकमान के नाम छोड़कर बीजेपी से अलग हुए हैं. क्या सैकड़ों की तादात में कांग्रेस से हो रहे दलबदल के बाद बीजेपी के सांसद का इस्तीफा एक लोहार की नहीं है.

तो क्या बीजेपी में भी सब ठीक नहीं है...

बीजेपी के सांसद अजय प्रताप सिंह का बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा क्या केवल एक नेता की निजी महत्वाकांक्षा का मामला है. क्या ये मानें कि टिकट न मिल पाने की वजह से एक नेता की निजी नाराजगी का मसला है ये. लेकिन अजय प्रताप सिंह ने जिस तरह से पार्टी पर आरोपों की झड़ी लगाई है और जिस तरह से इस्तीफे के बाद पार्टी की बखिया उधेड़ी है, वो बता कर गए हैं कि जहां कांग्रेस से थोक के भाव में नेता चले आ रहे हैं संक्रमण के बाद पार्टी में बढ़े दलबदलुओं के अतिक्रमण से अब बीजेपी का एक धड़ा दरकिनार हुआ है.

भाजपा सांसद अजय प्रताप सिंह का पार्टी सदस्यता से भी इस्तीफा

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अजय प्रताप सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ कहा है कि बीजेपी थी कभी चाल चरित्र और चेहरे वाली पार्टी, लेकिन अब ये राजनीतिक व्यापारियों का अड्डा बन चुकी है. उन्होंने नल जल योजना को भी टारगेट किया और कहा कि "नल जल योजना में मेरे अपने संसदीय क्षेत्र सीधी में 10 साल में क्या हुआ इसका जवाब बीजेपी को देना चाहिए. 10 साल में सीधी में कोई विकास कार्य हुए ही नहीं. पार्टी के पुराने और कर्मठ कार्यकर्ता पार्टी में पीछे धकेले जा रहे हैं." अजय प्रताप ने यहां तक कहा कि पार्टी फोरम पर जितनी बार अपनी बात रखी सुनवाई ही नहीं हुई.

क्या अजय प्रताप का इस्तीफा टीजर है...

तो क्या सांसद अजय प्रताप सिंह का इस्तीफा बीजेपी में टीजर माना जाए. हांलाकि, पार्टी 29 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है और असंतोष के स्वर फूटने के लिए जो समय होता है वो भी निकल चुका है. वरिष्ठ पत्रकार पवन देवलिया कहते हैं, "देखिए चाहे कांग्रेस से बीजेपी में आकर सदस्यता ले रहे हों नेता या बीजेपी छोड़कर काग्रेस में जा रहे हों ये किसी भी राजनेता की निजी महत्वाकांक्षा का मामला तो हमेशा ही रहता है. लेकिन जिस तरह से कांग्रेस की ओर से दौड़ लगी है वो सीन बीजेपी में बनेगा इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. बेशक अजय प्रताप सिंह का इस्तीफा बीजेपी के लिए बड़ा झटका है. लेकिन बीजेपी का अनुशासन और फिर उसमें दिखाई दे रहा भविषष्य पद विहीन होकर भी किसी दरकिनार हो रहे नेता को पार्टी में बने रहने की पर्याप्त वजह देता है."

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