OBC Reservation update : मध्य प्रदेश सरकार OBC आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है. प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण मामले में जल्द सुनवाई के लिए वे ये कदम उठाएंगे. उन्होंने गुरुवार को आरक्षण संबंधी विशेष बैठक लेते हुए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर खास दिशा-निर्देश दिए. इसके बाद उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो जारी करते हुए सरकार का रुख बताया.
ओबीसी आरक्षण के पक्ष में एमपी सरकार
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग को सरकारी नौकरी में 27 प्रतिशत आरक्षण देने का मामला कोर्ट में लंबित है. सरकार पहले ही 27 पर्सेंट ओबीसी आरक्षण देने के पक्ष में थी. ऐसे में सरकार कोर्ट में लंबित मामलों की जल्दी सुनवाई का प्रयास करेगी.
![OBC RESERVATION SUPREME COURT HEARING](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14-02-2025/23540661_thum66.jpg)
सुप्रीम कोर्ट जाएगी मध्य प्रदेश सरकार
इस बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पिछड़े वर्ग (OBC) आरक्षण में जल्द सुनवाई के लिए एडवोकेट जनरल को याचिका लगाने के निर्देश दिए हैं. सरकार की मंशा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को तुरंत राज्य में लागू किया जाए. इसके साथ ही उन्होंने एससी-एसटी जाति के लिए निर्धारित आरक्षण का पूरा लाभ दिलाने की बात भी कही है.
हम ओबीसी को 27% आरक्षण देने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखेंगे, जो भी माननीय न्यायालय का निर्णय होगा वह सर्वमान्य होगा। pic.twitter.com/xN94RznAVN
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) February 13, 2025
आरक्षण को लेकर ये बोले मोहन यादव
मुख्यमंत्री ने कहा, '' हमने ओबीसी आरक्षण मामले को लेकर लॉ डिपार्टमेंट, विधि विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान अधिकारियों से कोर्ट में चल रहे मामलों का जल्द निराकरण कराने का प्रयास करने को कहा गया है. कोर्ट का जो भी फैसला होगा, उसे हम त्वरित रूप से लागू करेंगे.''
क्या है मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण का मामला?
दरअसल, 26 अगस्त, 2021 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन महाधिवक्ता के अभिमत पर जीएडी ने OBC वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने की अनुमति प्रदान की थी. इसमें कुछ शर्तों के साथ सरकारी नौकरी में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई थी. हालांकि, हाईकोर्ट ने अगस्त 2023 को सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के परिपत्र पर अंतरिम आदेश जारी करते हुए रोक लगा दी थी. रोक लगाते हुए कोर्ट ने यह कहा था कि फिलहाल सभी नियुक्तियों में ओबीसी के पूर्व निर्धारित आरक्षण कोटा यानी 14 प्रतिशत के हिसाब से ही लाभ दिया जाएगा. इसके बाद से ये मामला हाईकोर्ट व सुप्रीमकोर्ट में लंबित है.
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