मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

मध्य प्रदेश विधानसभा को हुए 68 साल, उमंग सिंघार बोले- सीमित होते सत्र चिंता का सवाल - MP ASSEMBLY COMPLETES 68 YEARS

17 दिसंबर मध्य प्रदेश की विधानसभा को 68 साल पूरे हो गए हैं. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कम होते सत्र पर चिंता जताई है.

MP ASSEMBLY COMPLETES 68 YEARS
मध्य प्रदेश विधानसभा को हुए 68 साल (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 17, 2024, 8:02 PM IST

भोपाल: एमपी विधानसभा में सीमित होते सत्रों को लेकर मंगलवार को सदन में चिंता जताई गई. असल में आज ही के दिन 17 दिसंबर 1956 में सदन की पहली बैठक हुई थी. विधानसभा के 68 साल पूरे होने के मौके पर सदन में चर्चा की गई. जिसमें नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने कहा कि "ये चिंता की बात है कि सदन के सत्र सीमित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्थिति ये है कि कई विधायकों के प्रश्न छूट जाते हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एक हजार ऐसे प्रश्न हैं. जिनकी जानकारी ही नहीं मिली है."

पूर्व मंत्री और कांग्रेस के सीनियर विधायक डॉ राजेन्द्र सिंह ने आरोप लगाया कि विकास के लिए 15-15 करोड़ की धनराशि दी गई है. जबकि कांग्रेस के विधायक इससे वंचित हैं. उन्होंने कहा कि वही काम हम भी कर रहे हैं, फिर ये भेदभाव क्यों.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा-ये जनता का मंदिर है

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि "ये जनता का मंदिर है, लेकिन देश के अन्य राज्यों के मुकाबले में देखें तो लगातार सदन के सत्र सीमित हो गए हैं. बैठकों की संख्या देश के बाकी राज्यों की विधानसभा के मुकाबले घटती जा रही है. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष महोदय इस ओर प्रयास किये जाना चाहिए, ताकि विधानसभा में कम से कम 80 से 100 बैठकें तो हों.

सदन के सत्र पर उमंग सिंघार की चिंता (ETV Bharat)

बीजेपी विधायकों को 15 करोड़ , ये भेदभाव क्यों

कांग्रेस के पूर्व मंत्री औरकांग्रेस विधायक डॉ राजेन्द्र सिंहने कहा कि विधानसभा में स्थाई समिति का प्रोविजन होना चाहिए. जिसमें पहले चर्चा कर ली जाए. उसके बाद उस पर सदन में चर्चा हो. उन्होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के विधायकों में भेदभाव किया जा रहा है. एक तरफ विकास कार्यों के लिए बीजेपी के विधायकों को 15-15 करोड़ दिए जा रहे हैं. वही काम हम भी कर रहे हैं, लेकिन हमें राशि नहीं दी जा रही. क्या ये जनता के विकास में अवरोध नहीं है. एक नजरिए से देखना चाहिए.

गोपाल भार्गव को हम भूले तो गुनाह नहीं, आप ना भूले

असल में सदन में चर्चा के दौरान डॉ राजेन्द्र सिंह सदन के नेता प्रतिपक्ष रहे नेताओं के नाम गिना रहे थे. उसी दौरान उन्हें बीजेपी की ओर से टोका गया और कहा गया कि गोपाल भार्गव भी नेता प्रतिपक्ष रहे हैं. इस पर डॉ राजेन्द्र सिंह ने कहा कि हम भूलें तो गुनाह नहीं है, लेकिन आप उन्हें मत भूलिएगा.

आज हुए एमपी की विधानसभा को 68 बरस

एमपी की विधानसभा को आज 68 साल पूरे हो गए. आज ही एमपी विधानसभा का पहला अधिवेशन हुआ था. 1956 को 17 दिसम्बर की ही तारीख पर पहली बैठक हुई थी. सदन में विधानसभा अधअयक्ष ने ये जानकारी साझा की और बताया कि आज ही के दिन सदन में पहला अधिवेशन हुआ था.उन्होने कहा कि आगे इस पर विस्तृत कार्यक्रम किया जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details