मुरैना।सभी पंचायतों को हर साल गांव के विकास के लिए लाखों रुपए बजट दिया जाता है. लेकिन आजादी के इतने साल बीतने के बाद भी अधिकांश गांवों में अंतिम संस्कार के लिए सुरक्षित मुक्तिधाम और उसमें टीनशेड तक की व्यवस्था नहीं हो सकी है. बारिश के मौसम में मुरैना जिले के कई ग्रामीण क्षेत्र से जर्जर मुक्तिधाम की तस्वीरें सामने आती रहती हैं. ऐसा ही एक और मामला गुरुवार को हड़बांसी पंचायत में देखने को मिला.
कई गांवों के मुक्तिधाम में नहीं टीनशेड
मुरैना जिले में एक बार फिर शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां बारिश के चलते अपनों का अंतिम संस्कार मुक्तिधाम में टीनशेड न होने के चलते बड़ी मुसीबत बन गया है. मृतक के परिजनों ने पहले तो बारिश बंद होने का इंतजार किया, लेकिन बारिश बंद नहीं हुई तो फिर वह गांव से एक किलोमीटर दूर बने शांतिधाम पहुंचे, जो पूरी तरह से जर्जर था. उसके बाद मृतक के परिजनों ने अपने घर से लोहे की चादर लाकर के कामचलाऊ टीनशेड तैयार किया. उसके बाद अंतिम संस्कार किया गया.
ये खबरें भी पढ़ें... |