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उत्तराखंड में 6 लाख से ज्यादा बच्चों की सेहत का ख्याल, फॉर्टिफाइड राइस और मिल्क से मिल रहा पोषण - National Nutrition Week 2024

Nutritious Food And Fortified Milk For Childern in Uttarakhand कुपोषण हमेशा से ही एक गंभीर समस्या रही है. जिससे लड़ने के लिए सरकार तमाम कार्यक्रम संचालित कर रही है. जिसमें मिड डे मील भोजन योजना भी शामिल है. जिसके तहत स्कूलों में बच्चों को पोषण युक्त भोजन दिया जा रहा है. खासकर फोर्टिफाइड राइस के साथ हफ्ते में फोर्टिफाइड मिल्क भी दिया जा रहा है. जिससे उत्तराखंड के 6 लाख से ज्यादा बच्चों के सेहत का ख्याल रखा जा रहा. राष्ट्रीय पोषण सप्ताह पर जानिए बच्चों का किस तरह से रहा जा रहा ख्याल?

National Nutrition Week 2024
सेहत का ख्याल (फोटो- ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 1, 2024, 10:29 AM IST

Updated : Sep 1, 2024, 6:44 PM IST

बच्चों के सेहत का ख्याल (वीडियो- ETV Bharat)

देहरादून: आज के इस दौर में जिस तरह से लोगों का खान-पान बदल रहा है, उससे नई-नई बीमारियां भी फैलती जा रही है. ऐसे में भारत सरकार समेत राज्य सरकारें पोषण युक्त खाने पर जोर देती रही है. इसके लिए सरकार की ओर से तमाम योजनाएं भी संचालित की जाती है. इन तमाम योजनाओं और कार्यक्रमों के जरिए खासकर बच्चों को कुपोषण से बचाने पर मुख्य रूप से फोकस किया जाता है. ताकि, आने वाली पीढ़ियों को स्वस्थ और सुरक्षित रखा जा सके. मौजूदा समय में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना संचालित की जा रही है. जिससे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराया जा सके.

सेहतमंद खाने पर ध्यान नहीं दे रहे लोग:अच्छे स्वास्थ्य के लिए सेहतमंद भोजन का सेवन करना काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन आज के इस दौर में लोग स्वास्थ्य से ज्यादा अपने शौक और आदतों को पूरा करने में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं. आज के इस दौर में सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी नशीले पदार्थों का इस्तेमाल कर रहा है. जो उनके स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक है. लोग पोषण युक्त खाने पर ध्यान दें, पोषण उनके स्वस्थ शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है? इसकी जानकारी को जनता तक पहुंचने के लिए राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जाता है. हर साल एक सितंबर से एक हफ्ते तक राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जाता है. जिस दौरान तमाम कार्यक्रमों के जरिए लोगों और स्कूली बच्चों को पोषण की जानकारी दी जाती है.

स्कूली बच्चों को मिड डे मील भोजन (फोटो- ETV Bharat)

उत्तराखंड के 2,871 स्कूलों में गैस कनेक्शन नहीं:पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना के ज्वाइंट डायरेक्टर कुलदीप गैरोला ने बताया कि पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना में उत्तराखंड सरकार की एक बड़ी भागीदारी है. वर्तमान समय में उत्तराखंड के 2,871 स्कूल ऐसे हैं, जहां गैस कनेक्शन नहीं है. जिसके लिए सीएम धामी ने घोषणा की है. ऐसे में जल्द ही प्रदेश के सभी स्कूल गैस कनेक्शन युक्त हो जाएंगे. जिससे स्कूलों में खाना बनाने के लिए स्वच्छ वातारण मिलेगा. साथ ही बताया कि पीएम पोषण योजना के तहत फोर्टिफाइड राइस और फोर्टिफाइड मिल्क दिया जा रहा है, यानी चावल और दूध में अतरिक्त आयरन व विटामिन मिलाए गए हैं, जिससे एनीमिक बच्चों की समस्या दूर होगी.

फोर्टिफाइड राइस और मिल्क पर जोर:उन्होंने बताया कि एक सितंबर से शुरू होने वाले राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के दौरान सभी लोगों को पोषण के प्रति जागरूक किया जाएगा. साथ ही फोर्टिफाइड राइस (Fortified Rice) और फोर्टिफाइड मिल्क (Fortified Milk) की जानकारी बच्चों के साथ ही सभी लोगों को दी जाएगी. ताकि, वो इसके प्रति जागरूक हो सके. साथ ही पोषण युक्त आहार को लेकर उत्तराखंड सरकार भी हफ्ते में एक दिन अंडा या कोई फल बच्चों को देती है. साथ ही बताया कि पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत पूरे भारत को स्वस्थ किया जा रहा है.

उत्तराखंड में 16 हजार से ज्यादा स्कूल, 6.12 लाख बच्चों को मिड डे मील के तहत दिया रहा भोजन:कुलदीप गैरोला में बताया कि उत्तराखंड में करीब 16,428 स्कूलहैं. जिसमें प्राइमरी स्कूल, 8 वीं कक्षा तक के स्कूल और मान्यता प्राप्त मदरसा शामिल हैं. जिन स्कूलों में पढ़ने वाले 6,12,122 बच्चों को मिड डे मील के तहत भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. प्रदेश में दो सेंट्रलाइज्ड किचन गदरपुर और देहरादून में मौजूद है. जिनमें प्री-कुक्ड फूड एक फाउंडेशन की तरफ से दिया जाता है. स्कूलों में गर्म और ताजा खाना दिया जाता है. साथ ही कहा कि पोषण और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए फूड सैंपलिंग भी कराई जाती है. इसके साथ ही भारत सरकार ने ईट राइट मूवमेंट (Eat Right Movement) को शुरू किया है, जिसको उत्तराखंड में लागू कर रहे हैं.

स्कूली बच्चे (फोटो- ETV Bharat)

खाद्य सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत: वहीं, उत्तराखंड के डिप्टी फूड कमिश्नर गणेश कंडवाल ने बताया कि फूड सेफ्टी का सीधा कनेक्शन मानव के स्वास्थ्य से है. हमारे शरीर का स्वास्थ्य इस पर निर्भर करता है कि हम किस तरह का भोजन करते हैं? ऐसे में फूड सेफ्टी पर सभी लोगों की जिम्मेदारी है. लिहाजा, पोषण को बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण का फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट है. जिसको पूरे भारत में लागू किया जाता है. राज्य में फूड सेफ्टी एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन इसे लागू करता है. साथ ही बताया कि फूड सेफ्टी अधिकारी लगातार खाद्य पदार्थों का सैंपल लेकर उसकी जांच करते हैं. ताकि, लोगों के हेल्थ के साथ खिलवाड़ न हो सके.

शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी बोले- स्कूलों में बच्चों को दिया जाता है फोर्टिफाइड मिल्क:वहीं, उत्तराखंड शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि बच्चों को पोषण युक्त भोजन मिले, इसके लिए मिड डे मील के साथ ही स्कूलों बच्चों को हफ्ते में दो दिन 200 मिलीलीटर फोर्टिफाइड मिल्क देते हैं. इसके लिए दुग्ध विभाग के साथ एमओयू साइन किया गया है, जो बच्चों को फोर्टिफाइड मिल्क देते हैं. इसके अलावा हर हफ्ते प्रति बच्चे के लिए 5 रुपए अलग से मिलता है. जिसके तहत अंडा, केला और मंडुए का बिस्कुट बच्चों को दिया जाता है.

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Last Updated : Sep 1, 2024, 6:44 PM IST

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