शिमला:छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल में सड़कों ने लोगों के जीवन को बदलने का काम किया है. किसी भी देश या प्रदेश के विकास के लिए सड़कों का योगदान बेहद अहम है, लेकिन चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों के बाद अब तक प्रदेश के सड़क नेटवर्क में 41,202 किलोमीटर तक का विस्तार हुआ है, जिसमें 34,917 किलोमीटर पक्की सड़कें हैं, जिनके माध्यम से पहाड़ में कठिन जीवन जीने वाले लोगों की यात्रा सुरक्षित और सुगम हो रही है.
अब तक प्रदेश में लोक निर्माण विभाग ने 2,519 पुलों और 36,763 किलोमीटर क्रॉस ड्रेनेज का निर्माण किया है. पहाड़ी क्षेत्र में भू-स्खलन, मानसून और सर्दी के मौसम में सड़कों पर आवाजाही सुचारू बनाए रखने को पुल और क्रॉस ड्रेनेज का होना आवश्यक है. प्रदेश सरकार के प्रयासों से हिमाचल के 17, 882 गांवों में से 15,778 को सड़क सुविधा से जोड़ा जा चुका है. अब 2104 गांव सड़क सुविधा से जोड़े जाने शेष हैं.
2,240.27 करोड़ के बजट का प्रावधान
वहीं, प्रदेश में 12,500 करोड़ के निवेश से फोरलेन राजमार्ग और 68 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है. ये परियोजनाएं यात्रा के समय को कम करने के साथ-साथ पर्यटन और कारोबार तक पहुंच में सुधार करने में महत्त्वपूर्ण साबित होंगी. प्रदेश सरकार ने सड़कों के आधारभूत ढांचे के लिए इस वित्त वर्ष में 2,240.27 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है. इसमें से 526.42 करोड़ की धनराशि का उपयोग किया जा चुका है. इस राशि से वर्ष के पहले छह माह में 18 पुल, 33 नए भवन, 190 किमी परिवहन योग्य सड़कें और 309 किमी क्रॉस-ड्रेनेज सहित कई कार्यों का निर्माण पूरा किया जा चुका है. इसके अलावा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 674 किमी सड़कों की टारिंग और 1,060 किमी सड़कों का नवीनीकरण किया गया है.
सीआरआईएफ के तहत प्राप्त हुई इतनी राशि