शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा पर्यटन निगम के 18 होटल को बंद करने के निर्देशों के बाद भाजपा लगातार सरकार पर हमलावर है. पूर्व सीएम जयराम ठाकुर, विधायक सुधीर शर्मा सहित कई बीजेपी नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है. इस कड़ी में बीजेपी के सीनियर लीडर रणधीर शर्मा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर इन होटलों को अपने मित्रों को देने के आरोप लगा रहे हैं.
भाजपा मीडिया विभाग के प्रभारी रणधीर शर्मा ने कहा, "कांग्रेस सरकार के फैसले और उच्च न्यायालय का निर्णय यह साबित करता है कि कांग्रेस की वर्तमान सरकार हर मोर्चे, हर क्षेत्र में फेल है और नाकाम सिद्ध हो रही है. वर्तमान सरकार माफिया राज के दबदबे में काम कर रही है. सरकार पर माफिया का दबाव है, चाहे वह खनन, भू, ड्रग, वन किसी भी प्रकार का माफिया हो. अब तो इस सरकार में तबादला माफिया भी सक्रिय हो गया है और यह माफिया सरकार के संरक्षण में पनप रहा है".
रणधीर शर्मा ने कहा, "माफिया का सरगना मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में है और मुख्यमंत्री का स्वयं उनको संरक्षण है. ईडी की गिरफ्तारियां इन आरोपों को सिद्ध करती है. खनन माफिया ऊना, सिरमौर, बीबीएन और कांगड़ा में तेजी से फल फूल रहा है. कई जगह तो माफिया में सरकार के कर्णधार भी शामिल है, अगर इनको संरक्षण देने के लिए किसी अधिकारी पर दबाव दिया जाता है और वह मानता नहीं तो उसके ऊपर भी दबाव बनाया जाता है. वन माफिया के लिए तो जंगल कटान के रास्ते खोल दिए गए हैं".
रणधीर शर्मा ने कहा, "हाल ही में उच्च न्यायालय ने हिमाचल भवन दिल्ली को अटैच करने के आदेश दिए यह गंभीर विषय है, लेकिन मुख्यमंत्री अपनी कमियों को छुपाने के लिए विपक्ष पर दोषारोपण कर रहे हैं. यह मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता है. हम उनसे पूछना चाहेंगे कि 5000 करोड़ की कौन सी संपत्ति है जो भाजपा राज में नीलाम हुई? इस पर उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए. मुख्यमंत्री ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पर टिप्पणी की कि यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है, इसके विपरीत उनको अपने मित्र एजी से पूछना चाहिए, क्या उच्च न्यायालय में लगे मामलों की ढंग से पैरवी भी की थी या नहीं? कांग्रेस नेता तो बोलते थे कि मुख्यमंत्री तानाशाह हैं शायद वह सही बोलते थे".
बीजेपी नेता रणधीर शर्मा ने कहा, "उच्च न्यायालय ने पर्यटन विभाग के 18 होटल बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं. सरकार तो पर्यटन बढ़ाने की गुणगान करती थी पर शायद उन्होंने इन होटलों को लाभ में लाने का प्रयास ही नहीं किया. क्या इस केस की भी उनकी मित्र मंडली ने पैरवी नहीं की? मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या इस निर्णय के प्रति सरकार अपील करेगी या इन होटलो को अपने बचे हुए मित्रों को लीज पर देगी?".
उन्होंने कहा, "राजनीतिक गलियारों में सीपीएस के निर्णय की चर्चा है, लेकिन ऐसी क्या मजबूरी है कि मुख्यमंत्री अपने मित्रों को बचाना चाहते हैं और उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय में बड़े-बड़े वकील पर करोड़ों रुपए खर्च कर सरकारी खजाने पर बोझ डालते हुए इनको बचाना चाहते हैं. ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री मजबूर मुख्यमंत्री है, जो आर्थिक खजाने के खाली होने का रोना रोते हैं और दूसरी ओर सीपीएस का खर्च रोकना नहीं चाहते हैं".
रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर तंज कसा और कहा कि हाल ही में सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें मुख्यमंत्री की तस्वीर पब्लिक रिलेशन विभाग द्वारा ही भेजी जाएगी. शायद सरकार यह मानती है कि फोटो से मुख्यमंत्री की इमेज बनती है. अगर ऐसा है तो उनको एक हीरो को ही मुख्यमंत्री बना देना चाहिए था. मुख्यमंत्री की छवि अच्छे निर्णय लेकर बनती है ना की टॉयलेट टैक्स या समोसा की इंक्वायरी से. यह सब निर्णय हास्यास्पद है. हम तो कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री आप आज भी संभल जाओ, प्रदेश का पूरे देश में मजाक बन रहा है.