शहडोल : मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार प्रदेश के 15 लाख से भी अधिक सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी योजना या यूं कहें कि स्वास्थ्य योजना लेकर आ रही है. जिस तरह आयुष्मान भारत योजना से देश भर के कई परिवारों को लाभ मिलता है, कुछ इसी तरह की योजना स्वास्थ्य सुविधा को ध्यान में रखते हुए लाने की तैयारी है. इस योजना के तहत प्रदेश और प्रदेश के बाहर के अस्पतालों से अनुबंध कर कर्मचारियों व उनके परिजनों का इलाज कैशलेस कराया जाएगा. इस योजना को लाने की पूरी तैयारी कर ली गई है और अंतिम दौर में विचार विमर्श चल रहा है.
कर्मचारी संगठन लंबे समय से कर रहे थे मांग
कई कर्मचारी संगठनों का कहना है कि काफी पहले से कर्मचारी वर्ग के लिए कैशलेस उपचार की सुविधा की मांग की जा रही थी और सरकार को इस पर अमल भी करना चाहिए. क्योंकि सरकार में छोटे-बड़े हर तरह के कर्मचारी होते हैं और आज के परिवेश में इलाज के लिए बड़ा खर्च लगता है. ऐसे में अगर आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना लाई जा रही है, तो ये भी माना जा रहा है कि कर्मचारियों के वेतन से कुछ अंशदान भी काटा जाएगा और शेष राशि सरकार जमा कराएगी.
कर्मचारियों के साथ पेंशनर्स को भी फायदा
इस योजना को लेकर बताया जा रहा है कि प्रदेश के हर वर्ग के कर्मचारी-अधिकारियों को तो इसका लाभ मिलेगा ही मिलेगा, साथ ही सेवानिवृत कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा. इस योजना के तहत सामान्य इलाज के लिए 5 लाख और गंभीर मामलों के इलाज के लिए 10 लाख रु तक फ्री चिकित्सा और ओपीडी सुविधा उपलब्ध कराने का प्लान है.