भोपाल: कर्ज में डूबी मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने एक बार फिर कर्ज लिया है. प्रदेश सरकार ने 2500-2500 करोड़ रुपए की दो किश्तों में कर्ज लिया है. कयास लगाए जा रहा हैं कि इस कर्ज से क्या मोहन यादव कर्मचारियों को डीए दे सकते हैं? लंबे समय से डीए की आस लगाए बैठे कर्मचारियों को उम्मीद है कि मोहन सरकार उनकी दीवाली रोशन कर सकते हैं.
इस वित्तीय वर्ष लिया 10 हजार करोड़ का कर्ज
बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए दोनों कर्ज पर सला में 2 बार ब्याज देना होगा. प्रदेश सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 2500 करोड़ का पहला कर्ज 12 साल के लिए और दूसरा कर्ज 2500 करोड़ का 19 साल के लिया है. इस वित्तीय साल में प्रदेश सरकार अभी तक 10 हजार करोड़ का कर्ज बाजार से उठा चुकी है. सरकार अभी तक करीब पौने 4 लाख करोड़ का कर्ज ले चुकी है. कर्ज को लेकरडिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा, '' जो भी कर्ज लिया जा रहा है, प्रदेश के विकास और नियमों के तहत लिया जा रहा है.''
कर्मचारियों को डीए की उम्मीद
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए कर्ज के बाद कर्मचारियों को उम्मीद है कि उन्हें महंगाई भत्ता यानी डीए मिल सकता है. प्रदेश में सरकारी कर्मचारी लंबे समय से सरकार से डीए की मांग कर रहे हैं. बीच में खबरें भी आईं थी कि मोहन सरकार कर्मचारियों को डीए देने वाली है. हालांकि कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी, दशहरा पर उन्हें डीए नहीं मिला, लेकिन दीपावली रोशन होने की उम्मीद है. देखना होगा कि क्या दीवाली से पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकारी कर्मचारी को डीए देते हैं या नहीं.