मोहन यादव सरकार स्टूडेंट्स को कराएगी स्टडी टूर, एमपी के छात्रों के लिए नई योजना, घूम-धूमकर सीखेंगे छात्र - Study tour policy madhya pradesh - STUDY TOUR POLICY MADHYA PRADESH
मध्यप्रदेश के छात्र-छात्राओं को प्रदेश के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों से रूबरू कराया जाएगा. इसके लिए अब प्रदेश के छात्र-छात्रों को प्रदेश के विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों और संग्रहालयों का भ्रमण कराया जाएगा. प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर राज्य शासन ने इसका निर्णय लिया है.
मोहन यादव सरकार स्टूडेंट्स को कराएगी स्टडी टूर (Etv Bharat)
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जून माह में संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक की थी. बैठक के दौरान प्रदेश में मौजूद पुरातत्व महत्व के स्थलों और संस्कृतिक स्थलों से प्रदेश के स्टूडेंट्स को परिचित कराने पर चर्चा हुई थी. मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिए थे कि छात्र-छात्राओं को ऐसे स्थानों पर ले जाया जाए जिससे वे प्रदेश की संस्कृति और इतिहास को करीब से देख और समझ सकें. इसके बाद अब उच्च शिक्षा विभाग इस दिशा में कदम उठाने जा रहा है.
जल्द शुरू होगा स्टडी टूर
उच्च शिक्षा विभाग ने इस संबंध में तैयारी कर ली है और इसके लिए वार्षिक कैलेंडर तैयार करने के लिए कहा गया है. उच्च शिक्षा विभाग के लिए पुरातत्व विभाग के साथ मिलकर कैलेंडर और स्थान तय करेगा. इसके बाद जल्द ही छात्र-छात्राओं को स्टडी टूर के रूप में ऐतिहासिक और संस्कृतिक केन्द्रों पर भ्रमण कराया जाएगा. प्रदेश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को जनभागीदार समिति के खर्चे पर खजुराहो, सांची, इंदौर के राजवाड़ा, उज्जैन, चंदेरी, ग्वालियर के अलावा प्रदेश स्तरीय संग्रहालयों का भ्रमण कराया जाएगा.
प्रदेश में आधा दर्जन राज्य स्तरीय संग्रहालय मौजूद हैं. भोपाल में इंदिरागांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, जनजातीय संग्रहालय मौजूद है.
सांची में 1919 में बनाया गया सांची सग्रहालय मौजूद है. इसे भरतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के निदेशक सर जॉन मार्शल ने तैयार कराया था.
चंदेरी में भी पुरातत्व संग्रहालय मौजूद है. 1999 में बनाए गए इस संग्रहालय में बूढ़ी चंदेरी के खंडहर मंदिरों की 10वीं और 11वीं शताब्दी की मूर्तियां मौजूद हैं.
खजुराहो में मौजूद संग्रहालय में 3200 से ज्यादा मूर्तियां हैं. पहले इसका नाम जॉर्डाइन संग्रहालय था, इसका नाम 1952 में बदल दिया गया था.
मांडू के संग्रहालय में 11वीं शताब्दी की हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों के अलावा जैन तीर्थंकर की विशाल मूर्तियां मौजूद हैं.
इंदौर के केन्द्रीय संग्रहालय में हिंगलाजगढ़ की मूर्तियां का दुर्लभ संग्रह मौजूद है. इसमें सिक्कों, आभूषण, मूर्तियां मौजूद हैं. इसमें 5000 ईसा तक की प्रागैतिहासिक काल की कलाकृतियां भी शामिल हैं.
ग्वालियर के संग्रहालय में राजसी वैभव आज भी जीवंत दिखाई देता है. साढ़े तीन टल वजनी विशाल झूमर, के अलावा उत्कृष्ट कलाकृतियां का बेजोड़ संग्रह यहां मौजूद है.