भोपाल: केन्द्र सरकार द्वारा कर्मचारियों के डीए यानि न्यूनतम महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने के बाद मध्य प्रदेश के कर्मचारी केन्द्रीय कर्मचारियों से 7 फीसदी पीछे हो गए हैं. डीए सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर अब प्रदेश के कर्मचारी सड़क पर उतर आए हैं. प्रदेश के तमाम कर्मचारी संगठनों ने भोपाल के अंबेडकर पार्क में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. कर्मचारी संगठनों ने सरकार के सामने 26 सूत्रीय मांगे रखी है और चेतावनी दी है कि अब मांगों को अनदेखा करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मांगें पूरी नहीं हुई तो आंदोलन उग्र होता जाएगा.
इन मांगों को लेकर कर्मचारी का प्रदर्शन
मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के बैनर तले हुए धरना प्रदर्शन में प्रदेशभर से कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए. कर्मचारी संगठनों ने अपनी समस्याएं और मांगों को एक-एक करके रखा और इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत श्रीवास्तवके मुताबिक 'महंगाई भत्ता कर्मचारियों का हक है, इसे सरकार को बिना मांगे ही देना चाहिए, लेकिन इसके बाद भी सरकार महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का लाभ नहीं दे रही. प्रदेश के कर्मचारी अब केन्द्र से 7 फीसदी पीछे हो गए हैं. इसके अलावा पुरानी पेंशन योजना जैसी 26 मांगे हैं, जिसको लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है.
यह हैं कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना वरिष्ठता के साथ लागू किया जाए.
प्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारी की पदोन्नति माननीय सर्वोच्च न्यायालय से दायर याचिका के अधीन उल्लेखित कर जल्द शुरू की जाए. जैसा कि पशुपालन विभाग के संचालक के पदोन्नति आदेश में उल्लेख किया गया है.
प्रदेश के अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनर्स को केन्द्र के समान महंगाई भत्ता देते हुए एरियर्स की राशि का भुगतान किया जाए.
प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों सहित निगम मंडल आदि के अधिकारी कर्मचारियों को गृह भाड़ा भत्ता व अन्य भत्ते सातवें वेतनमान के अनुसार केन्द्रीय कर्मचारियों के समान दिया जाए.