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एमपी के धान किसानों को 2 हजार बोनस, उज्जैन में बनेगा 29 किमी लंबा घाट, मोहन कैबिनेट का फैसला - MOHAN YADAV CABINET MEETING

भोपाल में मोहन सरकार की कैबिनेट बैठक हुई. जिसमें धान किसानों को 2 हजार रुपए का अनुदान देने सहित कई फैसले लिये गये.

Mohan Yadav Cabinet Meeting
मोहन यादव कैबिनेट बैठक (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 26, 2024, 3:04 PM IST

Updated : Dec 26, 2024, 3:16 PM IST

भोपाल: मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए प्रति हेक्टेयर 2 हजार रुपए का अनुदान देने का ऐलान किया है. राज्य सरकार ने यह राहत प्रदेश के धान के किसानों को दी है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसका निर्णय लिया गया. सरकार के इस फैसले से धान के छोटे किसानों को लाभ मिलेगा. इसमें धान के किसानों को प्रति हेक्टेयर 2 हजार रुपए का अनुदान मिलेगा. उधर किसानों को अतिरिक्त बिजली को लेकर भी सरकार ने कैबिनेट में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है.

किसानों को दिन में भी मिलेगी बिजली
मोहन सरकार में वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट में हुए निर्णयों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि, ''प्रदेश में किसानों को अभी 8 घंटे बिजली ही मिल रही है. कई बार किसानों को रात में बिजली नहीं मिल पाती है. ग्रामीण इलाकों में बिजली की मांग ज्यादा होती है. इसको देखते हुए सरकार ने फैसला किया है कि प्रदेश में 11 केवी के फीडर को सोलर प्लॉट से जोड़ा जाएगा. इसमें प्राइवेट सेक्टर भी निवेश कर सकेगा. इसमें प्रति मेगावॉट 4 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. हालंकि केन्द्र सरकार की तरफ से प्रति फीडर 1 करोड़ की सहायता दी जाएगी. सरकार के इस फैसले से किसानों को दिन में भी बिजली मिल सकेगी.''

केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध परियोजना पर फैसला
कैबिनेट की बैठक में केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध परियोजना पर भी चर्चा हुई. बैठक में केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध से जुड़ी कुल 19 योजनाओं में से 16 को कैबिनेट बैठक में मंजूर किया. बता दें कि 25 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने खजुराहो में 44 हजार 605 करोड़ की लागत वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास किया था. इस योजना से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश दोनों ही राज्यों का बड़ा हिस्सा लाभान्वित होगा. इस परियोजना से लाखों लोगों की प्यास बुझेगी. वहीं पार्वती-कालीसिंध परियोजना से ग्वालियर चंबल और इंदौर के कई जिलों सहित, उज्जैन, सीहोर, मंदसौर और राजगढ़ जिलों के 3 हजार से ज्यादा गावों को फायदा पहुंचेगा.

सिंचाई का रकबा बढ़ाने बनाई जाएंगी योजनाएं
मध्यप्रदेश में सिंचित भूमि के रकबे को 100 फीसदी करने के लिए योजना बनाई जाएगी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में शत-प्रतिशत सिंचाई के रकबे को करने के लिए अगले 10 सालों की योजनाएं बनाने का निर्णय लिया गया.
- प्रदेश की सभी पंचायतों में अटल ग्रामीण सेवा सदन बनाया जाएगा. इसमें सरकार की सभी योजनाओं का लोगों को लाभ मिल सकें और इसमें आने वाले समस्याओं का निराकरण हो इसके लिए व्यवस्था की जाएगी.
- 2028 में होने वाले सिंहस्थ को देखते हुए उज्जैन में 29 किलोमीटर लंबा घाट बनाया जाएगा. मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर अपनी सहमति दे दी है. अनुमान लगाया जा रहा है कि सिंहस्थ में स्नान के लिए उज्जैन हर रोज करीबन 2 करोड़ श्रद्धालु आएंगे. ऐसे में श्रद्धालुओं को किसी तरह की समस्या न हो इसके लिए शिप्रा नदी के दोनों तरफ घाट बनाए जाएंगे. इसके लिए 771 करोड़ की राशि खर्च होगी.
- प्रदेश के ऐसे ब्लॉक जहां ट्राइबल आबादी 50 फीसदी है, वहां राज्य सरकार धरती आवा जनजाति योजना शुरू करेगी. इसमें सरकार की विभिन्न योजनाओं से जनजाति समुदाय को जोड़ने का काम किया जाएगा.

Last Updated : Dec 26, 2024, 3:16 PM IST

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